क्या शिंदे-शाह की मुलाकात में संजय राउत के आरोप सच हैं?

सारांश
Key Takeaways
- संजय राउत ने आरोप लगाया कि अमित शाह और एकनाथ शिंदे की मुलाकात में मराठी एकता को तोड़ने का विचार किया गया।
- उदय सामंत ने इसे पब्लिसिटी स्टंट कहा।
- मुलाकात के समय महाराष्ट्र में भाषा विवाद बढ़ता जा रहा है।
- एकनाथ शिंदे ने कई वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की।
- इस मुलाकात के पीछे की सच्चाई समझना महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच हुई मुलाकात पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बैठक में मुंबई की मराठी एकता को तोड़ने पर चर्चा की गई है। संजय राउत के इस बयान को 'पब्लिसिटी स्टंट' बताते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री उदय सामंत ने जवाब दिया।
मंत्री उदय सामंत ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह केवल टीआरपी बढ़ाने के लिए किया गया एक पब्लिसिटी स्टंट है। पिछले तीन वर्षों से एकनाथ शिंदे को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हाल ही में विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने इसका जवाब दिया है। हमारी पार्टी ने महाराष्ट्र में 80 सीटों पर चुनाव लड़ा था, और हमारी जीत का प्रतिशत 80% है, जबकि उनका (शिवसेना यूबीटी) जीत प्रतिशत काफी कम रहा है।"
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे के बारे में सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "उपमुख्यमंत्री शिंदे ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दिल्ली में अपने गुरु अमित शाह से मुलाकात की।"
उन्होंने आगे कहा कि 'धर्मवीर फिल्म' में शिंदे को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आनंद दिघे के चरण धोते हुए दिखाया गया था। शिंदे ने दिल्ली में अमित शाह के चरण धोकर उनके आशीर्वाद प्राप्त किए। राउत ने कहा, "इसके बाद मुंबई में बनी मराठी एकता को कैसे तोड़ा जाए, इस पर गरमा गरम बहस हुई। अभी के लिए बस इतना ही, बाकी जानकारी जल्द ही!"
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ऐसे समय में दिल्ली दौरे पर गए हैं, जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। उपमुख्यमंत्री शिंदे बीते बुधवार शाम अचानक दिल्ली पहुंचे और उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई।