क्या अमित शाह ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सब्सिडी जारी करने पर?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को धुआं-मुक्त जीवन देना है।
- इसकी लागत 12,000 करोड़ रुपए है।
- लाभार्थियों को कोई भुगतान नहीं करना होगा।
- यह योजना 10.33 करोड़ परिवारों को लाभान्वित करती है।
- सरकार ने सब्सिडी को 300 रुपए प्रति सिलेंडर तक बढ़ा दिया है।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सब्सिडी राशि को मंजूरी दी है, जिसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि रक्षा बंधन से एक दिन पहले पीएम मोदी ने देश की करोड़ों बहनों को उपहार देते हुए 12,000 करोड़ रुपए की लागत से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की सब्सिडी जारी करने की मंजूरी दी है। इससे देश के 10.33 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थी परिवारों को सब्सिडी दर पर एलपीजी सिलेंडर मिलना जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि माताओं और बहनों को धुएं से मुक्त जीवन प्रदान करने वाली इस योजना को निरंतर बनाए रखने के लिए मोदी का आभार।
इससे पहले, पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान पीएमयूवाई के लाभार्थियों को प्रति वर्ष 9 रिफिल (5 किलोग्राम सिलेंडर वालों के लिए आनुपातिक रूप से) के लिए 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 300 रुपए की लक्षित सब्सिडी को मंजूरी दी है। इसमें 12,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) को मई 2016 में देश के गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। 1 जुलाई 2025 तक, देशभर में लगभग 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन उपलब्ध हैं।
सभी पीएमयूवाई लाभार्थियों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन मिलता है, जिसमें सिलेंडर की सुरक्षा जमा राशि (एसडी), प्रेशर रेगुलेटर, सुरक्षा नली, घरेलू गैस उपभोक्ता कार्ड (डीजीसीसी) पुस्तिका और इंस्टॉलेशन चार्ज शामिल हैं। उज्ज्वला 2.0 की मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, सभी लाभार्थियों को पहला रिफिल और चूल्हा भी निःशुल्क प्रदान किया जाता है। पीएमयूवाई लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन, पहले रिफिल या चूल्हे के लिए कोई भुगतान नहीं करना पड़ता है, क्योंकि इनका खर्च भारत सरकार और ओएमसी द्वारा वहन किया जाता है।
भारत अपनी एलपीजी आवश्यकता का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है। एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी से उतार-चढ़ाव के प्रभाव से पीएमयूवाई लाभार्थियों को बचाने और पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी को अधिक किफायती बनाने के लिए सरकार ने मई 2022 में पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को प्रति वर्ष 12 रिफिल (5 किलोग्राम सिलेंडर वालों के लिए आनुपातिक रूप से) के लिए 200 रुपए प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी शुरू की। अक्टूबर 2023 में सरकार ने प्रति वर्ष 12 रिफिल (5 किलोग्राम सिलेंडर वालों के लिए आनुपातिक रूप से) के लिए लक्षित सब्सिडी को बढ़ाकर 300 रुपए प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर कर दिया।