क्या अमित शाह ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया?

सारांश
Key Takeaways
- एनएलसी इंडिया लिमिटेड को विशेष छूट प्रदान की गई है।
- एनटीपीसी लिमिटेड का निवेश बढ़ाकर २०,००० करोड़ रुपए किया गया है।
- 2032 तक ६० गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
- ७,००० करोड़ रुपए का निवेश हरित ऊर्जा में किया जाएगा।
- एनएलसीआईएल और एनआईआरएल को बेहतर संचालन और वित्तीय अनुकूलन प्राप्त होगा।
नई दिल्ली, १६ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बुधवार को एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से विशेष छूट को मंजूरी दी। इसके साथ ही, कैबिनेट ने एनटीपीसी लिमिटेड को एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और उसके अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में निवेश के लिए २०,००० करोड़ रुपए तक के परिव्यय के साथ रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित करने के लिए बिजली के बढ़े हुए आवंटन को मंजूरी दी है। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किए गए दो महत्वपूर्ण निर्णयों के माध्यम से भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मोदी का आभार। एनटीपीसी और एनजीईएल की निवेश सीमा को बढ़ाकर २०,००० करोड़ रुपए करने से 2032 तक ६० गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की हमारी यात्रा में तेजी आएगी।
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी ओर, एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को दी गई विशेष छूट उसे हरित ऊर्जा में ७,००० करोड़ रुपए का निवेश करने में सक्षम बनाएगी, जो एक हरित भारत और एक स्वस्थ ग्रह के निर्माण के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सीसीईए बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस रणनीतिक निर्णय से एनएलसीआईएल अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) में ७,००० करोड़ रुपए का निवेश कर सकेगी और बदले में एनआईआरएल पूर्व अप्रूवल की आवश्यकता के बिना सीधे या संयुक्त उद्यम बनाकर विभिन्न परियोजनाओं में निवेश कर सकेगी।
बयान में कहा गया है कि इस निवेश को सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा संयुक्त उद्यमों और सहायक कंपनियों में सीपीएसई द्वारा समग्र निवेश के लिए निर्धारित ३० प्रतिशत शुद्ध मूल्य सीमा से भी छूट दी गई है, जिससे एनएलसीआईएल और एनआईआरएल को बेहतर संचालन और वित्तीय अनुकूलन प्राप्त होगा। इस छूट का उद्देश्य एनएलसीआईएल के 2030 तक १०.११ गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) क्षमता विकसित करने और 2047 तक इसे ३२ गीगावाट तक विस्तारित करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करना है।
वहीं, कैबिनेट ने महारत्न सीपीएसई को विद्युत आवंटन के मौजूदा दिशानिर्देशों से एनटीपीसी लिमिटेड को विद्युत आवंटन में वृद्धि की अनुमति दी है, ताकि वह अपनी सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) में निवेश कर सके और इसके बाद, एनजीईएल एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) और उसकी अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में निवेश कर सके। 2032 तक ६० गीगावाट क्षमता हासिल करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) क्षमता बढ़ाने के लिए यह राशि पूर्व में स्वीकृत ७,५०० करोड़ रुपए की निर्धारित सीमा से बढ़कर २०,००० करोड़ रुपए तक हो सकती है।