क्या पीएम मोदी की मिलेट योजना से 460 किसान जुड़े? रवींद्र ढोकणे ने किसानों का आत्मविश्वास कैसे बढ़ाया?

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क्या पीएम मोदी की मिलेट योजना से 460 किसान जुड़े? रवींद्र ढोकणे ने किसानों का आत्मविश्वास कैसे बढ़ाया?

सारांश

अमरावती के किसान रवींद्र ढोकणे ने पीएम मोदी की मिलेट योजना से 460 किसानों को जोड़ा है। इस पहल ने किसानों को नई उम्मीद और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली का विकल्प दिया है। मिलेट्स की खेती से न केवल किसान लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि यह एक स्वस्थ जीवन जीने का भी माध्यम बन रहा है।

Key Takeaways

  • मिलेट्स की खेती से किसानों को आर्थिक लाभ होता है।
  • यह योजना किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाती है।
  • मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं।
  • रवींद्र ढोकणे जैसे किसान प्रेरणा का स्रोत हैं।
  • प्रधानमंत्री मोदी की पहल से किसानों को नई दिशा मिली है।

अमरावती, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2023 को 'मोटे अनाज वर्ष' (अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स दिवस) के रूप में घोषित करने के बाद, देशभर में मिलेट्स यानी मोटे अनाज को लेकर जागरूकता और खेती का चलन तेजी से बढ़ा है। इस पहल ने न केवल किसानों को नई उम्मीद दी है, बल्कि लोगों को भी स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का विकल्प प्रदान किया है।

इसी दिशा में अमरावती जिले के किसान रवींद्र ढोकणे ने एक सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने अकोला स्थित डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ से मिलेट्स की खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब तक 360 किसानों को इस योजना से जोड़ा है। इसके अलावा मेलघाट (चिखलदरा) क्षेत्र के भी 100 किसान इस योजना में सक्रिय हैं।

रवींद्र ढोकणे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं अमरावती जिले के गणेशपुर गांव का निवासी हूं और पीएम मोदी को उनके जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। जब 2023 को मोटे अनाज का वर्ष घोषित किया गया, तो मुझे प्रेरणा मिली और मैंने इस दिशा में काम करना शुरू किया। मैंने एक 'फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी' की स्थापना की है, जिसके माध्यम से हम मिलेट्स पर काम कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "मैंने किसानों को बीज उपलब्ध करवाकर उन्हें मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित किया है। आज हमारे साथ 360 किसान जुड़ चुके हैं और मेलघाट के 100 किसान भी इस कार्य में भागीदारी कर रहे हैं।"

रवींद्र ढोकणे का कहना है कि वह 'वोकल फॉर लोकल' अभियान के तहत मिलेट्स से बने अलग-अलग उत्पाद भी तैयार कर रहे हैं, ताकि बाजार में स्थानीय स्तर पर मिलेट्स की मांग बढ़े और किसानों को लाभ मिले।

उन्होंने मोटे अनाज की उपयोगिता को समझाते हुए कहा, "मिलेट्स ग्लूटेन-फ्री होते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम होता है। ये शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं और एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं। आज हर घर में कोई न कोई बीमारी से जूझ रहा है, ऐसे में मिलेट्स एक वरदान बनकर उभर सकते हैं।"

रवींद्र ढोकणे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिलेट्स को लोकप्रिय बनाने वाले वैज्ञानिक डॉ. खादर वली का भी आभार जताया और कहा कि ये दोनों देश को निरोग भारत बनाने की दिशा में बड़ा योगदान दे रहे हैं।

Point of View

यह पहल न केवल कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही है, बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है। पीएम मोदी की मिलेट योजना ने किसानों को नए अवसर प्रदान किए हैं, जिससे वे न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं, बल्कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली को भी सुदृढ़ बना रहे हैं।
NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

मिलेट्स क्या होते हैं?
मिलेट्स मोटे अनाज होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
रवींद्र ढोकणे ने कितने किसानों को जोड़ा है?
रवींद्र ढोकणे ने अब तक 460 किसानों को इस योजना से जोड़ा है।
मिलेट्स के क्या फायदे हैं?
मिलेट्स ग्लूटेन-फ्री होते हैं और शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं।
क्या यह योजना किसानों के लिए लाभदायक है?
हाँ, यह योजना किसानों को आर्थिक और स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर रही है।
प्रधानमंत्री की इस पहल का क्या उद्देश्य है?
प्रधानमंत्री की इस पहल का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है।