क्या गोंडा में स्वास्थ्य केंद्र निर्माण घोटाले में सपा के पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव पर एफआईआर हुई?

सारांश
Key Takeaways
- स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में घोटाला
- पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव पर एफआईआर
- विजिलेंस जांच की रिपोर्ट
- अनियमितता और गबन के आरोप
- गंभीर कार्रवाई की आवश्यकता
गोंडा, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में स्वास्थ्य केंद्र निर्माण से जुड़े घोटाले के मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
यह मामला वर्ष 2017-18 में हलधरमऊ और कटरा बाजार ब्लॉक में हुए सीएचसी निर्माण कार्य से संबंधित है, जिसमें करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि में अनियमितता पाई गई।
इस घोटाले में पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव के साथ-साथ उनके पिता राजेंद्र श्रीवास्तव को भी आरोपी ठहराया गया है। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के पूर्व विधायक के पिता की फर्म को ठेका दिया गया। इसके अलावा, 4.16 लाख रुपये की राशि भी गलत तरीके से फर्म को ट्रांसफर की गई।
इस मामले की जांच विजिलेंस टीम ने की, जिसमें पूर्व विधायक सहित कुल पांच लोगों को दोषी पाया गया। इसके बाद अयोध्या सेक्टर के विजिलेंस थाने में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। दर्ज मुकदमे में गबन और साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार, यह सारा खेल वर्ष 2017-18 में रचा गया, जब गोंडा के हलधरमऊ और कटरा बाजार ब्लॉकों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण कार्य किए जा रहे थे।
इस घोटाले में बहराइच और गोंडा जिले के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर निर्माण कार्य की निगरानी और फंड के लेन-देन में लापरवाही और मिलीभगत के आरोप हैं।
सरकार की ओर से जब यह मामला सामने आया, तो विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए थे, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद यह कार्रवाई की गई। अब यह केस गहन जांच के दौर में है, और आने वाले समय में और भी कई खुलासे हो सकते हैं।