क्या आनंद दुबे ने ममता बनर्जी और टीएमसी की जमकर तारीफ की है?

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क्या आनंद दुबे ने ममता बनर्जी और टीएमसी की जमकर तारीफ की है?

सारांश

आनंद दुबे ने ममता बनर्जी और टीएमसी की प्रशंसा की है, यह बताते हुए कि कैसे भाजपा उनके लगातार चुनावी जीत से परेशान है। उनकी टिप्पणियों ने बिहार चुनाव को लेकर भी कई सवाल उठाए हैं। जानिए इस राजनीतिक बयानबाज़ी के पीछे की सच्चाई!

Key Takeaways

  • आनंद दुबे ने टीएमसी की जीत पर जोर दिया।
  • भाजपा की चिंता को उजागर किया।
  • बिहार चुनाव का निष्पक्ष होना जरूरी है।
  • राहुल गांधी की लोकतंत्र की रक्षा की बात।
  • राजनीतिक गठबंधनों पर चर्चा की गई।

मुंबई, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने बंगाल सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी लगातार बंगाल में जीत रही है, जिससे भाजपा परेशान है।

आनंद दुबे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी पिछले 15-20 वर्षों से लगातार जीत रही है, जिससे साबित होता है कि वहां विकास कार्य हो रहे हैं। कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर माना जाना भाजपा को परेशान करता है, क्योंकि वह लंबे समय से वहां पैर जमाने की कोशिश कर रही है।

आनंद दुबे ने कहा कि बंगाल की जनता ने टीएमसी और ममता दीदी पर भरोसा किया है, जिन्होंने साहसपूर्वक लोगों की आवाज उठाई और स्थानीयों के लिए खड़ी रहीं। गैर-भाजपाई सरकारों को सम्मान या पुरस्कार मिलना भाजपा को मंजूर नहीं होता, यही उनकी बेचैनी का कारण है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोलंबिया में एक संवाद के दौरान भाजपा और आरएसएस पर तीखी टिप्पणी की। इस पर आनंद दुबे ने कहा कि राहुल गांधी लोगों को बता रहे हैं कि देश में तानाशाही और अहंकार बढ़ रहा है, जिससे लोकतंत्र और संविधान को कमजोर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इन प्रवृत्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जिससे कुछ लोगों को दिक्कत हो रही है। आरएसएस एक सामाजिक संगठन है, जिस पर राहुल ने कुछ नहीं कहा, बल्कि बीजेपी और मोहन भागवत उस पर चर्चा कर रहे हैं। राहुल गांधी देश में सुशासन, बेरोजगारी का अंत, रुपए की मजबूती और विदेशी हस्तक्षेप से मुक्त भारत की बात कर रहे हैं।

शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि बिहार का चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए और चुनाव आयोग की यह जिम्मेदारी है कि वह पक्ष और विपक्ष को समान दृष्टि से देखे।

उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार चुनाव आयोग भाजपा की कठपुतली की तरह काम करता है, जो लोकतंत्र के लिए दुखद है। दुबे ने कहा कि इस बार बिहार के चुनाव में लोकतंत्र और तानाशाही के बीच संघर्ष है। एक ओर अहंकारी लोग हैं, वहीं दूसरी ओर जनता की आवाज उठाने वाले राहुल गांधी और तेजस्वी यादव हैं। उन्होंने कहा कि जनता अब सब समझती है और धन या प्रलोभन से प्रभावित नहीं होगी।

शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं। Dube ने कहा कि राजनीति में आने वाले नेताओं को यह अधिकार होता है कि वे किसके साथ गठबंधन करें या नहीं।

उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की चर्चा हुई थी, लेकिन विधानसभा चुनावों में पार्टियां स्वतंत्र रूप से निर्णय लेती हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कुछ मतभेद समय-समय पर सामने आते रहते हैं, जैसा दिल्ली, पंजाब और गुजरात में देखा गया। Dube ने कहा कि इसे बड़े मुद्दे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि जब राष्ट्रीय चुनाव आएंगे तो इंडिया गठबंधन एकजुट होकर लड़ेगा। राज्यों में उद्देश्य भाजपा को सत्ता से हटाना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीति में बयानबाज़ी कभी-कभी आवश्यक होती है। नेताओं को लोगों के सामने अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने शब्दों के प्रति जिम्मेदार रहें। जनता अब जागरूक है और अधिकारियों से अपेक्षाएं बढ़ रही हैं।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

आनंद दुबे ने ममता बनर्जी की तारीफ क्यों की?
आनंद दुबे ने ममता बनर्जी की तारीफ की क्योंकि उन्होंने टीएमसी की लगातार चुनावी जीत को भाजपा की परेशानी का कारण बताया।
बिहार चुनाव में क्या मुद्दे उठाए गए हैं?
बिहार चुनाव में लोकतंत्र और तानाशाही के बीच संघर्ष का मुद्दा उठाया गया है, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की भूमिका महत्वपूर्ण है।
भाजपा के लिए दुबे की टिप्पणियों का क्या असर होगा?
दुबे की टिप्पणियां भाजपा की छवि को चुनौती दे सकती हैं, खासकर चुनावी माहौल में।