क्या पंजाब: आनंदपुर साहिब सर्वधर्म एकता का प्रतीक बन गया है, गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि अर्पित?

Click to start listening
क्या पंजाब: आनंदपुर साहिब सर्वधर्म एकता का प्रतीक बन गया है, गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि अर्पित?

सारांश

आनंदपुर साहिब में आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन ने धार्मिक एकता का संदेश दिया। यहां विभिन्न धर्मों के नेता गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्रित हुए। इस कार्यक्रम ने धार्मिक स्वतंत्रता और विविधता में एकता के महत्व को उजागर किया।

Key Takeaways

  • सर्वधर्म एकता का संदेश
  • धार्मिक स्वतंत्रता का महत्व
  • गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान
  • विविधता में एकता
  • समाज में सहिष्णुता

चंडीगढ़, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र भूमि ने रविवार को बाबा बुड्ढा दल छावनी के मुख्य पंडाल में एक ऐतिहासिक सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में सिख, हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, इस्लाम, और यहूदी धर्म के प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक नेता श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में एकत्रित हुए।

धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं ने एक स्वर में नौवें सिख गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की, और उन्हें धार्मिकता का सार्वभौमिक प्रतीक और धार्मिक स्वतंत्रता के शाश्वत रक्षक के रूप में याद किया गया।

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने सर्ब धर्म सम्मेलन में नेताओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन गुरु की विरासत पर चिंतन करने का एक सशक्त मंच प्रदान करता है, जिसे उन्होंने समस्त मानवता के लिए मार्गदर्शक बताया।

इस कार्यक्रम में शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के जत्थेदार बाबा बलबीर सिंह, दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह खालसा और बाबा सेवा सिंह रामपुर खेरेवाले सहित कई प्रसिद्ध सिख नेताओं की उपस्थिति ने शोभा बढ़ाई। गुरु ग्रंथ साहिब जी 'विविधता में एकता' की भावना का प्रतीक हैं, जो सभी धर्मों को समाहित करते हैं और भारत के समृद्ध सांस्कृतिक लोकाचार को दर्शाते हैं।

राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने भी सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुरु की शहादत मानवता की सर्वोच्च शिक्षा है।

आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल आश्रम के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने धर्म के लिए गुरु के अद्वितीय बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की। बिशप जोश सेबेस्टियन का प्रतिनिधित्व करते हुए फादर जॉन ने उनकी शहादत को विश्व के लिए एक सर्वोच्च उदाहरण बताया, जिसमें दूसरों की आस्था के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का दुर्लभ कार्य शामिल है।

अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीन, चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने नौवें गुरु की शिक्षाओं का सार प्रस्तुत किया। सभा ने 'हिंद की चादर' के महान बलिदान को भी याद किया।

यह सभा कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए भी भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण थी, जिनके प्रतिनिधियों ने गुरु के बलिदान को स्वीकार करते हुए गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

Point of View

बल्कि पूरे समाज को धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता का महत्व सिखाया।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

इस सर्वधर्म सम्मेलन का उद्देश्य क्या था?
इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के बीच एकता और संवाद को बढ़ावा देना था, साथ ही गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को सम्मानित करना था।
कौन-कौन से धर्मों के नेता इस सम्मेलन में शामिल हुए?
इस सम्मेलन में सिख, हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, इस्लाम, और यहूदी धर्म के प्रमुख नेता शामिल हुए।
Nation Press