ईडी की बड़ी कार्रवाई: क्या आंध्र प्रदेश शराब घोटाले में 20 ठिकानों पर छापेमारी की गई?

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ईडी की बड़ी कार्रवाई: क्या आंध्र प्रदेश शराब घोटाले में 20 ठिकानों पर छापेमारी की गई?

सारांश

आंध्र प्रदेश शराब घोटाले में ईडी की छापेमारी ने 3500 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले को उजागर किया है। इस कार्रवाई से जुड़े प्रमुख आरोपियों की संलिप्तता और विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रयासों को जानें।

Key Takeaways

  • ईडी की छापेमारी से शराब घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।
  • संपर्क में आए 48 आरोपियों में से 12 गिरफ्तार किए गए हैं।
  • विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आरोपियों की संलिप्तता को उजागर किया है।
  • घोटाले में कई प्रमुख नाम शामिल हैं।
  • आरोपियों ने हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल किया।

हैदराबाद, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3500 करोड़ रुपये के संदिग्ध आंध्र प्रदेश शराब घोटाले के अंतर्गत कई स्थानों पर छापेमारी की है। ईडी ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, और दिल्ली-एनसीआर सहित 20 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है।

ईडी ने उन संस्थाओं और व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की है, जिन्होंने फर्जी या बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए बिलों के जरिए रिश्वत के भुगतान में सहायता की। कुछ आरोपियों से संबंधित परिसरों की भी जांच की जा रही है।

इन बिचौलियों पर बेनामी कंपनियों, फर्जी संस्थाओं और हवाला नेटवर्क के माध्यम से लगभग 3,500 करोड़ रुपये की हेराफेरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है। विशेष जांच दल (एसआईटी), जो पूर्व वाईएसआर कांग्रेस पार्टी शासन के दौरान हुए कथित शराब घोटाले की जांच कर रहा है, ने सोमवार को विजयवाड़ा के एसीबी कोर्ट में दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था।

एसआईटी ने चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी, वेंकटेश नायडू, बलजी कुमार यादव और नवीन कृष्णा की कथित संलिप्तता को उजागर किया, जिसमें कहा गया कि उनके माध्यम से अवैध आय का शोधन किया गया। आरोपियों ने कथित तौर पर मध्यस्थ के रूप में कार्य किया और धन को शेल कंपनियों और बेनामी खातों में ट्रांसफर किया।

एसआईटी ने इस मामले में 48 लोगों को नामजद किया है, जिनमें से 12 को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 4 को हाल ही में एसीबी कोर्ट ने जमानत दे दी।

इस बीच, एसआईटी वाईएसआरसीपी सांसद मिधुन रेड्डी समेत आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग के साथ एसीबी कोर्ट में पेश करेगी।

पिछले महीने, एसआईटी ने पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की कथित भूमिका को उजागर किया गया था। एसआईटी ने जगन मोहन रेड्डी को मामले में आरोपी के रूप में नामित नहीं किया, लेकिन आरोप लगाया कि उन्होंने शराब व्यवसाय के माध्यम से अवैध रूप से पैसे जुटाने के लिए आबकारी नीति में बदलाव करने का निर्णय लिया था।

आरोप है कि शराब कंपनियों से मिली रिश्वत को सफेद करने के लिए कार्यालय कर्मचारियों समेत कम-प्रोफाइल लोगों का इस्तेमाल किया गया। आरोपियों के स्वामित्व वाली कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों, जिनमें कार्यालय कर्मचारी भी शामिल हैं, को सिंडिकेट से जुड़े बैंक खातों के एक नेटवर्क में अवैध नकदी जमा करने के लिए कूरियर के रूप में इस्तेमाल किया गया।

Point of View

जो यह दर्शाती है कि देश में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी आरोपी न्याय के दायरे में आएं और मामले की तह तक जाएं।
NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किस घोटाले में छापेमारी की?
ईडी ने 3500 करोड़ रुपये के आंध्र प्रदेश शराब घोटाले में छापेमारी की।
छापेमारी कहां की गई?
छापेमारी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, और दिल्ली-एनसीआर सहित 20 स्थानों पर की गई।
इस मामले में कितने लोगों को नामजद किया गया है?
इस मामले में 48 लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें से 12 को गिरफ्तार किया गया है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) का क्या कहना है?
एसआईटी ने इस घोटाले में कई आरोपियों की संलिप्तता को उजागर किया है और कार्रवाई कर रही है।
क्या पूर्व मुख्यमंत्री का नाम शामिल है?
जी हां, एसआईटी ने पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की भूमिका को उजागर किया है।