क्या शेल कंपनियों को पैसे भेजने और रिश्वत देने के मामलों में अनिल अंबानी से पूछताछ हुई?

सारांश
Key Takeaways
- अनिल अंबानी से 17,000 करोड़ रुपये के लोन घोटाले पर पूछताछ हुई।
- ईडी ने शेल कंपनियों और रिश्वत के आरोपों की जांच की।
- जांच में यस बैंक के लोन का दुरुपयोग शामिल है।
- छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए।
- ईडी और सीबीआई मिलकर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। रिलायंस समूह (आरएएजीए कंपनियों) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल अंबानी से मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में 17,000 करोड़ रुपए के बैंक लोन घोटाले को लेकर पूछताछ की।
इस पूछताछ के दौरान ईडी ने अनिल अंबानी से कई महत्वपूर्ण सवाल किए, जैसे कि "क्या लोन शेल कंपनियों को भेजे गए थे?", "क्या पैसा राजनीतिक दलों को दिया गया?" और "क्या आपने किसी अधिकारी को रिश्वत दी?" आदि।
रिपोर्टों के अनुसार, अनिल अंबानी सुबह अपने आवास से ईडी के मुख्यालय पहुंचने के लिए निकले थे।
ईडी ने अनिल अंबानी को उनके समूह की कंपनियों के खिलाफ करोड़ों रुपए के कथित बैंक लोन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत तलब किया था। उन्हें 5 अगस्त को ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था।
जांचकर्ता इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि पिछले एक दशक में उनके समूह की कंपनियों द्वारा लिए गए लोन का उपयोग उनके द्वारा निर्धारित उद्देश्यों के लिए किया गया था या जानबूझकर उनका दुरुपयोग किया गया था।
यह मामला अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कई कंपनियों से जुड़ा है, जिनमें रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस कम्युनिकेशंस शामिल हैं।
जांच का एक हिस्सा 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपए के लोन के कथित दुरुपयोग से संबंधित है।
दूसरा हिस्सा रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़े 14,000 करोड़ रुपए से अधिक के एक बड़े घोटाले से जुड़ा है।
पिछले हफ्ते, प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी के रिलायंस समूह से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जांचकर्ताओं ने मुंबई और दिल्ली में कई स्थानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज, हार्ड ड्राइव और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए।
ये छापे यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में धन शोधन की जांच का हिस्सा थे।
ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के साथ मिलकर, धन के दुरुपयोग, लोन धोखाधड़ी और धन शोधन सहित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है।