क्या एलयूसीसी चिट फंड घोटाले को लेकर अनिल बलूनी समेत चार सांसदों ने गृह मंत्री से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तराखंड के सांसदों की गृह मंत्री से महत्वपूर्ण मुलाकात।
- चिट फंड घोटाले में गरीबों के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता।
- सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की आश्वासन।
- सीबीआई जांच का आदेश।
- दोषियों को दंडित करने की जरूरत।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एलयूसीसी चिट फंड घोटाले के संदर्भ में उत्तराखंड के सांसदों ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह, नैनीताल सांसद अजय भट्ट और टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह भी शामिल थे। इस जानकारी को पौड़ी के सांसद अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर साझा किया।
अनिल बलूनी ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा के दौरान उन्होंने उत्तराखंड में गरीबों के साथ हुए एलयूसीसी फ्रॉड मामले में प्रमोटर्स पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की, ताकि पहाड़ के लोगों की मेहनत की कमाई उन्हें जल्द वापस मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले में सख्त कदम उठाएंगे और दोषियों को दंडित किया जाएगा।
भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हरिद्वार से लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट, टिहरी से लोकसभा सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह के साथ मैंने आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे उत्तराखंड में गरीब लोगों के साथ हुए एलयूसीसी फ्रॉड मामले में प्रमोटर्स पर कठोर से कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया ताकि पहाड़ के लोगों की खून-पसीने की कमाई को तुरंत उन्हें वापस दिलाया जा सके। हमारी राज्य सरकार द्वारा भी इस मामले की जांच की संस्तुति की गई है।"
उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री से आग्रह किया गया कि एलयूसीसी फ्रॉड के प्रमोटर्स को इंटरपोल की मदद से वापस लाकर गुनाहगारों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए, ताकि उन्हें ऐसी सजा दी जाए कि भविष्य में कोई ठग गरीबों को धोखा देने का प्रयास न करे। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले पर कड़ा एक्शन लेंगे और दोषियों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़ेगी।
उत्तराखंड में करीब ९२ करोड़ रुपए के एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच की जाएगी। मामले की सीबीआई जांच के लिए हस्तांतरित करने के लिए राज्य की पुष्कर धामी सरकार से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।