क्या बंगाल से घुसपैठिए बाहर होंगे? एसआईआर से डर गई हैं ममता बनर्जी: अनिल राजभर

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क्या बंगाल से घुसपैठिए बाहर होंगे? एसआईआर से डर गई हैं ममता बनर्जी: अनिल राजभर

सारांश

उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर ने ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ममता घुसपैठियों के बाहर आने से चिंतित हैं। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी पर भी चर्चा की। क्या बंगाल में सच में घुसपैठिए बाहर होंगे? जानिए इस मुद्दे पर अनिल राजभर का मत।

Key Takeaways

  • अनिल राजभर ने ममता बनर्जी के बयान पर पलटवार किया।
  • चुनाव प्रक्रिया में चुनाव आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • घुसपैठियों की समस्या पर सभी को ध्यान देने की आवश्यकता है।

लखनऊ, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कृष्णानगर की एक रैली में कहा था कि अगर दिल्ली से पुलिस बुलाकर माताओं-बहनों को डराया जाएगा और वोटर लिस्ट से नाम काटे जाएंगे, तो घर की रसोई में हथियार हैं, महिलाएं आगे बढ़कर लड़ेंगी और पुरुष पीछे खड़े रहेंगे। अनिल राजभर ने कहा कि एसआईआर से ममता बनर्जी चिंतित हैं, क्योंकि सभी घुसपैठिए अब बाहर निकलने वाले हैं।

लखनऊ में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए अनिल राजभर ने बताया कि असल मुद्दा यही है कि सभी घुसपैठिए अब सामने आ रहे हैं और उन्हें पता है कि इसका क्या परिणाम होगा। उनका जो माहौल है, वह इस बात का संकेत है कि वे डरी हुई हैं।

चुनाव प्रक्रिया के बारे में अनिल राजभर ने कहा कि चुनाव कैसे होंगे, यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। हमें स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सहयोग से चुनाव कराना है। यदि आवश्यक हुआ तो केंद्रीय बल भी तैनात किए जाएंगे। यह निर्णय चुनाव आयोग का है और सभी को यह ज्ञात है कि किसी भी राजनीतिक दल को इस प्रक्रिया में दखल नहीं देना चाहिए। निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग का कार्य है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के उस बयान पर कि मैं मुस्लिमों को दस-दस हजार नहीं, एक-एक लाख रुपए भी दे दूं तो भी वे मुझे वोट नहीं देंगे, अनिल राजभर ने कहा कि यह बयान गंभीरता से सोचने लायक है। हिमंत बिस्वा सरमा लंबे समय से सरकार चला रहे हैं, उन्हें जरूर अनुभव होगा। युवा मुस्लिम समाज को इस पर विचार करना चाहिए।

तमिलनाडु में संघ प्रमुख के बयान पर अनिल राजभर ने कहा कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बयान से पूरी तरह सहमत हैं।

मदुरै जिले में कार्तिगई दीपम विवाद पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि यह मामला अभी अदालत में है, इसे सुलझने दीजिए। जब आवश्यकता होगी तब आरएसएस इस पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में हिंदुओं का जागना ही मनचाहे परिणाम के लिए पर्याप्त है।

छह राज्यों में एसआईआर की समय सीमा बढ़ाए जाने पर अनिल राजभर ने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं। किसी को भी शिकायत का मौका नहीं छोड़ना चाहिए। कर्मचारी घर-घर जा रहे हैं, हर एक वोटर को ढूंढा जा रहा है। अनिल राजभर ने विश्वास के साथ कहा कि जब पूरी प्रक्रिया पूरी होगी, तो उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में फर्जी मतदाता सामने आएंगे। लाखों मृत लोगों के नाम भी अभी वोटर लिस्ट में मौजूद हैं।

ई-सिगरेट मामले में अनुराग ठाकुर द्वारा उठाए गए मुद्दे पर अनिल राजभर ने कहा कि इस पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। जो लोग संसद की मर्यादा को तोड़ते हैं, उनके खिलाफ कठोर कदम उठाना जरूरी है। यह उचित नहीं है।

Point of View

जो चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं। यह स्थिति उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए सभी राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग के नियमों का पालन करना चाहिए।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

अनिल राजभर ने ममता बनर्जी के बयान पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी एसआईआर से डरी हुई हैं और घुसपैठियों का बाहर आना उनके लिए चिंता का विषय है।
चुनाव आयोग की भूमिका क्या है?
चुनाव आयोग का कार्य निष्पक्ष चुनाव कराना है और इस प्रक्रिया में किसी भी राजनीतिक दल को दखल नहीं देना चाहिए।
क्या असम के मुख्यमंत्री का बयान महत्वपूर्ण है?
जी हां, असम के मुख्यमंत्री का बयान मुस्लिम वोटरों को लेकर गंभीरता से सोचने लायक है।
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