क्या सात देशों के प्रतिनिधियों ने भारत के निष्पक्ष चुनाव मॉडल को देखा?
सारांश
Key Takeaways
- अंतर्राष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षक कार्यक्रम (आईईवीपी) का उद्घाटन किया गया।
- प्रतिनिधियों को भारत की चुनाव प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
- प्रतिनिधि बिहार में चुनावी व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे।
- यह कार्यक्रम 2014 से आयोजित हो रहा है।
- भारत ने चुनावों को शांतिपूर्वक और निष्पक्षता से सम्पन्न कराया है।
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 'अंतर्राष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षक कार्यक्रम (आईईवीपी)- 2025' का उद्घाटन मंगलवार को नई दिल्ली के भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान में किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दुनिया के विभिन्न देशों को भारत की चुनाव प्रक्रिया और उसकी पारदर्शिता से अवगत कराना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया, जिन्होंने प्रतिभागियों के साथ संवाद भी किया। इस बार कार्यक्रम में 7 देशों - फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और कोलंबिया से 14 प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के कार्यप्रणाली का प्रदर्शन दिखाया गया। इसके बाद चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें बताया कि भारत में चुनाव कैसे होते हैं, मतदाता सूची कैसे बनाई जाती है, मतदान केंद्रों की व्यवस्था कैसे होती है और निष्पक्ष चुनाव के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाते हैं।
इस कार्यक्रम के तहत सभी विदेशी प्रतिनिधि 5 और 6 नवंबर को बिहार का दौरा करेंगे। वे वहां ईवीएस डिस्पैच सेंटर्स का निरीक्षण करेंगे और 6 नवंबर को होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को प्रत्यक्ष रूप से देखेंगे। इससे उन्हें भारत की विशाल और पारदर्शी चुनाव प्रणाली को करीब से समझने का अवसर मिलेगा।
भारतीय चुनाव आयोग ने इस संबंध में एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है। साथ ही कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी साझा की गई हैं।
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षक कार्यक्रम (आईईवीपी), चुनाव आयोग का एक मुख्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम है, जिसके जरिए भारत अन्य देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ अनुभव साझा करता है।
यह कार्यक्रम 2014 से निरंतर आयोजित किया जा रहा है और अब तक कई देशों के प्रतिनिधि इसमें भाग ले चुके हैं। इसके माध्यम से भारत दुनिया को यह दिखा रहा है कि इतने बड़े और विविध देश में चुनाव को कैसे शांतिपूर्वक, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से मजबूती से संपन्न कराया जाता है।