क्या विधायक आराधना मिश्रा ने सीबीआई से कोडीन कफ सिरप मामले की जांच कराने की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- अनुपूरक बजट का औचित्य सवालों के घेरे में है।
- कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने सीबीआई जांच की मांग की।
- कोडीन कफ सिरप से कई बच्चों की जान गई।
- सरकार की नीयत पर उठे सवाल।
- राजनीतिक जिम्मेदारी की आवश्यकता।
लखनऊ, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सोमवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। बजट की प्रस्तुति से पूर्व, कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि सरकार ने अनुपूरक बजट लाने का कोई औचित्य नहीं बताया।
कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा, "इससे पहले 8 लाख करोड़ रुपए का जो मूल बजट लाया गया था, कई विभाग ऐसे हैं जो उस बजट का करीब 50 प्रतिशत खर्च भी नहीं कर पाए हैं। ऐसी परिस्थिति में अनुपूरक बजट लाने का कोई औचित्य नहीं बनता।"
उन्होंने आगे कहा, "इससे पूर्व में भी देखा जाए तो दो-दो वित्तीय वर्ष में सरकार अनुपूरक बजट लाई है, लेकिन उसे खर्च नहीं कर पाई। जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा सरकार केवल अपने आंकड़े बढ़ाने के लिए उपयोग कर रही है। योजनाओं का जिक्र सिर्फ कागज पर करने से लोगों को फायदा नहीं मिलेगा। इसके लिए सरकार के पास दृढ़ इच्छा शक्ति होनी चाहिए, जो सरकार के पास नहीं है।"
कांग्रेस विधायक ने प्रदेश में कोडीन कफ सिरप को लेकर हो रहे विवाद पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, "आरोपियों की फोटो सत्तापक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। विषय फोटो का नहीं है, बल्कि यह है कि यह बहुत गंभीर मामला है, जिससे कई लोगों की जान गई। जान गंवाने वाले लोगों में ज्यादातर बच्चे थे। सरकार आरोपियों को बचाने का क्यों प्रयास कर रही है?"
कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की। उन्होंने कहा, "अगर विषय सिर्फ उत्तर प्रदेश से संबंधित रहता तो एसआईटी और एसटीएफ इसकी जांच करती, वही एसटीएफ जिसका एक पूर्व कर्मचारी इस मामले का मुख्य अभियुक्त है। ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार को सीबीआई से जांच करानी चाहिए। कई राज्यों के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसके तार पाए गए हैं। ऐसे में सरकार को सीधे-सीधे इसकी सीबीआई जांच करानी चाहिए।"