क्या मध्य प्रदेश में ट्रेन से लापता हुई अर्चना को भोपाल लाया गया?

सारांश
Key Takeaways
- अर्चना तिवारी की कहानी ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व को उजागर किया है।
- राजकीय रेलवे पुलिस की तत्परता से एक युवती की जान बचाई गई।
- युवाओं को परिवारिक दबावों के साथ अपने जीवन के फैसले करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
- इस घटना ने समाज में शादी के विषय में विचार करने की आवश्यकता को सामने रखा है।
- सारांश और तेजिंदर की मदद ने अर्चना को संकट से बाहर निकाला।
भोपाल. 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में इंदौर से कटनी जा रही ट्रेन से लापता हुई अर्चना तिवारी को राजकीय रेलवे पुलिस ने ढूंढ निकाला है। जानकारी के अनुसार, अर्चना शादी नहीं करना चाहती थी, इसलिए अपने मित्र के सहयोग से भागी थी और नेपाल पहुँच गई थी।
न्यायालय में प्रैक्टिस कर रही अर्चना तिवारी नर्मदा एक्सप्रेस से अपने घर कटनी जाते समय लापता हो गई थी। उसके लापता होने के बाद उसका फोन बंद था, और ट्रेन में उसका सामान बरामद किया गया था। उसके बाद से कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। जीआरपी ने भोपाल में मामला दर्ज किया और अर्चना की तलाश शुरू की।
आरती लगातार लोकेशन बदलती रही, और अंततः वह नेपाल पहुँच गई। जहाँ से सारांश की मदद से आरती को जीआरपी ने बरामद किया। जीआरपी भोपाल के पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने अर्चना तिवारी के नेपाल से मिलने की जानकारी पत्रकारों के सामने साझा की। उन्होंने बताया कि यह सफलता अर्चना के मित्र सारांश की मदद से मिली।
जीआरपी पुलिस अधीक्षक लोढ़ा के अनुसार, अर्चना के परिवारवाले कटनी में रहते हैं और वे उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन अर्चना इसके लिए तैयार नहीं थी। इसी बीच उसकी सारांश से दोस्ती हुई। सारांश और एक साथी तेजिंदर ने भी मदद की। अर्चना इंदौर से कटनी जाते समय इटारसी में ट्रेन से उतर गई। सारांश सड़क मार्ग से अर्चना को लेकर शुजालपुर पहुँचा और कुछ दिन वहीं रुके। उसके बाद हैदराबाद सहित अन्य स्थानों पर जाने के बाद सारांश ने अर्चना को नेपाल के काठमांडू में छोड़कर वापस आ गया। तभी पुलिस को कॉल डिटेल के जरिए सारांश की जानकारी मिली और उससे पूछताछ की गई, जिससे सारा राज खुल गया।
उन्होंने आगे बताया कि अर्चना नेपाल पहुँच गई थी और सारांश वापस इंदौर आ गया था। पुलिस ने सारांश से पूछताछ की और जब वास्तविकता सामने आई, तो अर्चना से संपर्क किया गया। दूतावास के माध्यम से अर्चना को भारत लाया गया और जीआरपी की सहायता से भोपाल लाया गया। अर्चना ने वकालत की पढ़ाई की है, उसने जबलपुर में प्रैक्टिस की है और वर्तमान में इंदौर में प्रैक्टिस करते हुए सिविल जज की तैयारी कर रही है। उसके इसी दौरान सारांश से दोस्ती हुई, जो ड्रोन का काम करता है। सारांश ने अर्चना की मदद की और उसे पहले हैदराबाद ले गया, जहाँ उसके कारोबार से जुड़े एक व्यक्ति रहते हैं। इसी तरह उसके संपर्क नेपाल में हैं और उसने अर्चना को नेपाल में छोड़ा था। फिलहाल पुलिस अर्चना से पूछताछ कर रही है और फिर उसे उसके परिजनों को सौंपा जाएगा।