क्या अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनाव में हार के लिए नकदी वितरण को जिम्मेदार ठहराया?

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क्या अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनाव में हार के लिए नकदी वितरण को जिम्मेदार ठहराया?

सारांश

अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनाव में धनबल के दुरुपयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या यह चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित कर रहा है? जानिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनके विचार।

Key Takeaways

  • धनबल का दुरुपयोग चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित करता है।
  • महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप गंभीर है।
  • चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करना चाहिए था।
  • कांग्रेस और राजद के पास सीमित संसाधन हैं।
  • गहलोत का मानना है कि देश को कांग्रेस की जरूरत है।

जयपुर, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने विजय प्राप्त की। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बिहार चुनाव के परिणामों को निराशाजनक बताते हुए शुक्रवार को धनबल के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाए। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्येक महिला को 10,000 रुपए बांटे गए, जिससे चुनाव परिणाम पर गहरा प्रभाव पड़ा।

गहलोत ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान भी पैसे बांटे गए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मतदान से एक दिन पहले ही उनके बैंक खातों में पैसे मिल गए, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सीधे तौर पर प्रभावित हुई है।

उन्होंने आगे कहा कि जब राजस्थान में आदर्श आचार संहिता लागू हुई तो उनकी कांग्रेस सरकार ने तुरंत मोबाइल फोन बांटना बंद कर दिया, और चुनाव नियमों का पालन करने के लिए बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों की पेंशन भी रोक दी गई। इसके विपरीत, उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा चुनावों के दौरान बिहार में पेंशन और प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण खुलेआम जारी रहे, जिसे उन्होंने कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बताया।

गहलोत ने चुनाव आयोग की भूमिका पर तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि उसे चुनाव के दौरान धन वितरण रोकने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि आयोग ने राजस्थान में नियमों का सख्ती से पालन कराया, लेकिन बिहार में इसी तरह के या उससे भी गंभीर उल्लंघनों की अनदेखी की।

उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अन्य नेताओं के साथ बार-बार 'वोट चोरी' की बात कही है और बिहार की घटनाएं इसे स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।

गहलोत के मुताबिक, अगर चुनाव निष्पक्ष रूप से नहीं होते हैं, धन का दुरुपयोग होता है और आयोग चुप रहता है। यह वोट चोरी के अलावा और कुछ नहीं है।

गहलोत ने आगे कहा कि धनबल का दुरुपयोग अकल्पनीय स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए लोगों से यह जांच करने का आग्रह किया कि वहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर कितने करोड़ रुपए दिए गए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पास इतने वित्तीय संसाधन नहीं हैं।

गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी तीन बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं, लेकिन उनका दृढ़ विश्वास है कि देश को अपने भविष्य के लिए कांग्रेस की विचारधारा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह देशहित में है। देश को कांग्रेस की जरूरत है.

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक हैं। धनबल का दुरुपयोग लोकतंत्र के लिए खतरा है, और हमें ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

बिहार विधानसभा चुनाव में क्या हुआ?
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को जीत मिली, जबकि अशोक गहलोत ने धनबल के दुरुपयोग के आरोप लगाए।
अशोक गहलोत ने क्या आरोप लगाए?
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं को पैसे बांटे गए, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए।
चुनाव आयोग की भूमिका क्या थी?
गहलोत ने कहा कि चुनाव आयोग को धन वितरण रोकने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
क्या कांग्रेस और राजद के पास धनबल है?
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस और राजद के पास इतने वित्तीय संसाधन नहीं हैं।
गहलोत का क्या मानना है?
उन्होंने कहा कि देश को अपने भविष्य के लिए कांग्रेस की विचारधारा की जरूरत है।
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