क्या केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जापान के मंत्री हिरोमासा नाकानो के साथ सूरत एचएसआर परियोजना स्थल का दौरा किया?

सारांश
Key Takeaways
- सूरत एचएसआर परियोजना यात्रा समय को कम करेगी।
- भारत-जापान की साझेदारी को और मजबूत करेगी।
- आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
- नई रेलवे प्रौद्योगिकी के मानक स्थापित करेगी।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उन्होंने जापान के लैंड, इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म मिनिस्टर हिरोमासा नाकानो के साथ सूरत हाई-स्पीड रेल (एचएसआर) परियोजना स्थल का दौरा किया।
आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने लिखा, "आज मैंने हिरोमासा नाकानो के साथ सूरत एचएसआर साइट का दौरा किया। मैंने ट्रैक स्लैब लेइंग और उसे ठीक करने की फैसिलिटी देखी।"
उन्होंने भारत-जापान की साझेदारी पर कहा कि कार्य की गुणवत्ता और गति भारत-जापान के मजबूत संबंधों को दर्शाती है।
हाल ही में, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सूरत हाई स्पीड रेल स्टेशन का दौरा किया था ताकि निर्माण कार्य की समीक्षा की जा सके। उस वक्त रेल मंत्रालय ने बताया था कि सूरत-बिलिमोरा के बीच काम तेजी से प्रगति पर है। स्टेशन का सिविल वर्क पूरा हो चुका है और फिनिशिंग व यूटिलिटी वर्क अभी जारी है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में आधुनिक और नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
पटरियों पर कार्य तेजी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त, सूरत स्टेशन पर पहला टर्नआउट सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है, जो रेलवे ट्रैक का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है। यह सुविधा हाई-स्पीड ट्रेनों के संचालन में सुगमता लाएगी।
उन्होंने बताया कि पटरियों में रोलर बेयरिंग लगे हैं, जिससे बुलेट ट्रेन अधिक सुरक्षित और प्रभावी तरीके से तेज गति से चल सकेगी। इसके अलावा, पटरियों पर स्लीपर कंक्रीट के बजाय मिश्रित सामग्री से बनाए गए हैं, जिससे उच्च स्थायित्व, कम रखरखाव और तेज गति पर बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस परियोजना से सूरत से मुंबई की दूरी महज 1 घंटे में तय की जा सकेगी। यह हाई-स्पीड रेल परियोजना अंततः कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी। अहमदाबाद और मुंबई का पूरा खंड एक आर्थिक गलियारा बन जाएगा। यह परियोजना रेलवे प्रौद्योगिकी और यात्री अनुभव में भी नए मानक स्थापित करेगी।