क्या अश्विनी वैष्णव ने एनडीयू प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया और नए केंद्रों की शुरुआत की?

सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल शिक्षा का सुलभता बढ़ाना
- आधुनिक तकनीकों से लैस नेलिट केंद्रों का शुभारंभ
- युवाओं के लिए कौशल विकास के अवसर
- सरकारी प्रयासों का महत्व
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को एनआईईएलआईटी (नेलिट) डिजिटल यूनिवर्सिटी (एनडीयू) प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल शिक्षा को सरल बनाना है। इसके साथ ही, उन्होंने पांच नए नेलिट केंद्रों का वर्चुअल शुभारंभ भी किया।
सरकार के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, सेमीकंडक्टर और सम्बंधित क्षेत्रों में उद्योग-केंद्रित प्रोग्राम प्रदान करेगा। यह युवाओं को भविष्य के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने हेतु लचीले डिजिटल लर्निंग मोड और वर्चुअल लैब भी उपलब्ध कराएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार के मुजफ्फरपुर, ओडिशा के बालासोर, आंध्र प्रदेश के तिरुपति, दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव के दमन और मिजोरम के लुंगलेई में भी नए नेलिट केंद्रों का वर्चुअल उद्घाटन किया।
इन नए केंद्रों के साथ नेलिट भारत के तकनीकी भविष्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। इस लॉन्च कार्यक्रम के दौरान नेलिट और माइक्रोसॉफ्ट, जीस्केलर, डिक्सन टेक और फ्यूचर क्राइम के बीच समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किए गए।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “तीन साल पहले डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। कई विकल्प थे, लेकिन सबसे अच्छा विकल्प नेलिट था। हमें 500 उद्योग भागीदारों की सूची बनानी चाहिए और वे केवल इलेक्ट्रॉनिक्स या आईटी क्षेत्र से संबंधित नहीं होना चाहिए। ये टेक्नोलॉजी अब हर क्षेत्र में उपयोग होती है।”
उन्होंने कहा, “जहां कहीं भी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी का उपयोग होता है, हमारा लक्ष्य छात्रों को प्रशिक्षित करना और उन्हें उन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार करना होना चाहिए। आज, केवल इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र ही 13 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बन गया है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि नेलिट निकट भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा।”