क्या असम दिवस पर नेताओं ने शुभकामनाएं दीं और अहोम वंश की संस्कृति को याद किया?
सारांश
Key Takeaways
- असम दिवस पर असम की संस्कृति का जश्न मनाया जाता है।
- अहोम वंश की महानता को याद किया जाता है।
- नेताओं द्वारा राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी जाती हैं।
- असम में पिछले 9 वर्षों में शांति और विकास हुआ है।
- यह दिन एकता और संस्कृति का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम दिवस के अवसर पर, केंद्र और राज्य स्तर के कई प्रमुख नेताओं ने राज्य के निवासियों को बधाई दी। इस ऐतिहासिक दिन पर, उन्होंने असम की गौरवशाली संस्कृति और अहोम वंश की महान उपलब्धियों को याद किया।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट कर असम के लोगों को इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वे महान अहोम वंश के संस्थापक स्वर्गादेओ चावलुंग सुकाफा और वीर लचिट बोरफुकान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। साथ ही, उन्होंने असम और उसके निवासियों की सतत समृद्धि, शांति और सफलता की कामना की।
राज्यपाल कार्यालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री एवं रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। संदेश में कहा गया कि वे अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और लंबे जीवन के साथ राष्ट्र की सेवा करते रहें।
असम दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 'एक्स' पर गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया। सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की डबल इंजन सरकार ने अहोम वंश और असम की गौरवशाली विरासत को विश्व मंच पर बनाए रखने और बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी असमवासियों को शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने 'एक्स' पोस्ट में कहा कि यह दिन अहोम युग की महिमा की याद दिलाता है और असम की समृद्ध संस्कृति को सुरक्षित रखने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। अमित शाह ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार ने असम में शांति स्थापित की है, इसे विकास और शिक्षा का केंद्र बनाया है और इस प्रगति को निरंतर जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि यह दिन हमारी एकता के बंधन को मजबूत करे और हमारी संस्कृति के साथ हमारे संबंध को गहरा करे। उन्होंने असम की विविध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और आधुनिक विकास की उपलब्धियों की सराहना की।
असमवासियों के लिए यह दिवस गौरव, संस्कृति और विकास का प्रतीक बन गया है, जो राज्य के इतिहास और आधुनिक प्रगति को एक साथ प्रस्तुत करता है।