क्या असम राइफल्स ने पूर्वोत्तर में उग्रवादी हमलों को नाकाम किया?

सारांश
Key Takeaways
- असम राइफल्स ने सफलतापूर्वक उग्रवादियों के हमलों को विफल किया।
- उग्रवादी संगठनों का नेटवर्क ध्वस्त हो चुका है।
- सुरक्षा बलों की मनोवैज्ञानिक बढ़त को सुनिश्चित किया गया है।
- सुरक्षा एजेंसियों का बेहतर तालमेल किया जा रहा है।
- शांति और स्थिरता के लिए ये कदम महत्वपूर्ण हैं।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्वोत्तर भारत में चलाए जा रहे एक समन्वित और प्रभावी आतंक-रोधी अभियानों में असम राइफल्स ने हाल के दिनों में उग्रवादी संगठनों उल्फा (आई) और एनएससीएन–के (वाईए) की सुरक्षा बलों पर हमले की कई योजनाओं को विफल किया है। सटीक रणनीति, सक्रिय तैनाती ग्रिड और प्रभावी खुफिया समन्वय के माध्यम से इन सुरक्षा बलों ने अपने इस अभियान में अद्वितीय परिचालन तैयारी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
सूत्रों के अनुसार, 16 अक्टूबर को एनएससीएन–के (वाईए) के उग्रवादियों ने दक्षिण अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के हेडमैन कैंप पर हमले का प्रयास किया, जिसे असम राइफल्स के त्वरित और प्रभावी जवाब से नाकाम कर दिया गया।
अगले दिन, 17 अक्टूबर को उल्फा (आई) ने असम के काकोपाथार कैंप पर इसी तरह का हमला करने की कोशिश की। सतर्क सैनिकों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए एक उग्रवादी को मार गिराया और एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया जो इस साजिश में शामिल था। इसके बाद असम राइफल्स ने अपने अभियानों को और तेज कर दिया और आधुनिक निगरानी उपकरणों, ड्रोन और खुफिया-आधारित उच्च तकनीकी टीमों से एक व्यापक आतंक-रोधी ग्रिड सक्रिय किया।
इसी अभियान के तहत, 21 अक्टूबर को दक्षिण अरुणाचल प्रदेश के नामसाई के पास एक सफल कार्रवाई में एक उल्फा (आई) का कैडर मारा गया और अनेक हथियारों के साथ युद्ध सामग्री बरामद की गई। इन तेज, सटीक और समन्वित कार्रवाइयों ने न केवल उग्रवादियों की योजनाओं को विफल किया, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों की मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक बढ़त को भी पुनः स्थापित किया है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अब उग्रवादी संगठन भागने पर मजबूर हैं, उनके नेटवर्क ध्वस्त हो चुके हैं और नेतृत्व पर दबाव बढ़ गया है। असम राइफल्स की दृढ़ भूमिका, पेशेवर योजना और ठोस निष्पादन ने एक बार फिर साबित किया है कि वे पूर्वोत्तर भारत में शांति और स्थिरता के सच्चे रक्षक, 'सेंटिनल्स ऑफ द नॉर्थ ईस्ट' हैं।
उग्रवादी घटनाओं को नाकाम करने के बाद भी सशस्त्र बल पूरी सतर्कता बनाए हुए हैं। इसके साथ ही, विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल भी किया जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञ इसे सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता मानते हैं। उनका मानना है कि उग्रवादी संगठनों की लगातार नाकामियां और सैन्य अभियानों की सफलताएं क्षेत्र में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।