क्या केरल 1 नवंबर को ऐतिहासिक घोषणा के साथ इतिहास रचेगा?

सारांश
Key Takeaways
- केरल ने 1 नवंबर को अत्यधिक गरीबी मुक्त क्षेत्र बनने की घोषणा की।
- मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इस समारोह का नेतृत्व करेंगे।
- इस योजना में 64,006 गरीब परिवारों की पहचान की गई है।
- कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति होगी।
- इस उपलब्धि का उत्सव एक समावेशी विकास मॉडल को दर्शाएगा।
तिरुवनंतपुरम, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल ने एक बार फिर इतिहास रचने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह राज्य देश का पहला और विश्व का दूसरा अत्यधिक गरीबी मुक्त क्षेत्र बनने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इस ऐतिहासिक घोषणा को 1 नवंबर को तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में करेंगे।
स्थानीय स्वशासन मंत्री एम. बी. राजेश और शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी साझा की। इस समारोह में सभी मंत्री, विपक्ष के नेता, और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता कमल हासन, ममूटी, और मोहनलाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। आयोजन की तैयारियों के लिए शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक व्यापक समिति का गठन किया गया है।
नीति आयोग के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, केरल में गरीबी दर केवल 0.7 प्रतिशत है, जो देश में सबसे कम है। 2021 में सत्ता में आई वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अत्यधिक गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता दी। वैज्ञानिक सर्वेक्षण के जरिए 64,006 अत्यधिक गरीब परिवारों की पहचान की गई, जो भोजन, स्वास्थ्य, आजीविका, और आश्रय जैसे बुनियादी क्षेत्रों में जीवित रहने में असमर्थ थे। प्रत्येक परिवार के लिए अलग-अलग सूक्ष्म योजनाएं तैयार कर सहायता प्रदान की गई। इस अभियान में सरकारी एजेंसियां, स्वयंसेवक, और आम जनता ने एकजुट होकर काम किया।
इन परिवारों में कई ऐसे हाशिए पर रहने वाले लोग शामिल थे, जिनके पास न मतदाता सूची में नाम था, न राशन कार्ड, और न ही आधार कार्ड। जांच में पता चला कि 4,421 परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 261 खानाबदोश परिवारों का पता नहीं चल सका, जो संभवतः अन्य राज्यों में चले गए। उनके लिए भी सुरक्षा योजनाएं तैयार हैं। 47 परिवारों के सदस्य विभिन्न स्थानीय निकायों में सूचीबद्ध थे, जिनके लिए एक परिवार मानकर योजना बनाई गई। इस तरह, 59,277 परिवारों को अत्यधिक गरीबी से मुक्त कर लिया गया है।
यह उपलब्धि विभिन्न सरकारी योजनाओं के एकीकरण और विशेष सेवाओं के विकास से संभव हुई। सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया भी पूरी की जा रही है। 1 नवंबर को होने वाला समारोह न केवल इस उपलब्धि का उत्सव होगा, बल्कि केरल के समावेशी विकास मॉडल को भी रेखांकित करेगा। स्थानीय स्वशासन निकायों में भी समानांतर कार्यक्रम आयोजित होंगे।