क्या गोवर्धन पूजा से बच्चों को संस्कार मिल रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- गोवर्धन पूजा का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है।
- भगवान श्रीकृष्ण की परंपरा को याद करना।
- सकारात्मक संस्कारों का संचार बच्चों में।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने दिल्ली में अन्नकूट कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों को प्रलय से सुरक्षित किया था, उसी परंपरा की याद में आज भी यह पर्व मनाया जाता है।
दुष्यंत कुमार गौतम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि दीपावली से त्योहारों का आरंभ होता है और बुधवार को मनाई जाने वाली गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। पहले लोग वर्षा के देवता इंद्र की पूजा करते थे, लेकिन श्रीकृष्ण ने यह स्पष्ट किया कि असली संरक्षणकर्ता गोवर्धन पर्वत और गौमाताएं हैं। आज भले ही यहां गौ माता न हों, लेकिन बच्चों को प्राचीन संस्कार सिखाने का यह सही अवसर है।
उन्होंने कहा कि जब आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार नहीं थी और केवल दिल्ली में शासन था, तब वे पंजाब को दोष देते थे। अब जब पंजाब में उनकी सरकार है, तो हरियाणा पर आरोप लगा रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने कुछ ठोस नहीं किया और अब दूसरों पर आरोप लगाना उनकी आदत बन गई है। बेहतर होता कि वे अपने कार्यकाल में किए गए ठोस कार्यों के बारे में बताते।
अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमेर अहमद इलियासी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं गोवर्धन पूजा के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। यही भारत की खूबसूरती और ताकत है कि यहां सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जिस संकल्प और नीयत से देश को आगे बढ़ा रहे हैं, उसके परिणाम साफ दिखाई दे रहे हैं। जब सभी मिलकर देश के विकास में सहयोग करेंगे, तभी भारत तरक्की करेगा।
इलियासी ने कहा कि त्योहार सबके हैं और उन्हें मनाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है। ऐसे अवसरों पर राजनीति करना गलत है। दीपक जलाना हो या मोमबत्ती, यह सब आस्था और खुशी का प्रतीक है, इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए।