क्या गृह मंत्री शाह ने असम की तीन जनजातियों की मांगों पर वार्ताकार नियुक्त करने के संकेत दिए?

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क्या गृह मंत्री शाह ने असम की तीन जनजातियों की मांगों पर वार्ताकार नियुक्त करने के संकेत दिए?

सारांश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम की राभा, मिसिंग और तिवा जनजातियों के लिए वार्ताकार नियुक्त करने का संकेत दिया है। यह कदम इन समुदायों की संवैधानिक आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। जानें, इस महत्वपूर्ण बैठक में क्या हुआ और इसके पीछे की वजहें।

Key Takeaways

  • अमित शाह ने वार्ताकार नियुक्त करने का आश्वासन दिया।
  • राभा, मिसिंग, और तिवा जनजातियों की मांगों को सुना गया।
  • एक महत्वपूर्ण बैठक में असम सरकार के प्रतिनिधि शामिल थे।
  • 29 दिसंबर को ज्योति बिष्णु प्रेक्षागृह का उद्घाटन होगा।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जानकारी दी कि असम की राभा, मिसिंग और तिवा जनजातियों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार जल्दी ही एक वरिष्ठ वार्ताकार (इंटरलॉक्यूटर) नियुक्त करेगी।

गृह मंत्री ने यह आश्वासन इन तीनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के दौरान प्रदान किया। इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे।

अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “असम के राभा, मिसिंग और तिवा समुदायों के प्रतिनिधिमंडलों से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में बातचीत की। उनकी मांगों को ध्यानपूर्वक सुना गया और आश्वासन दिया गया कि उनकी वास्तविक चिंताओं का समाधान किया जाएगा। गृह मंत्रालय जल्द ही एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करेगा, जो सौहार्दपूर्ण और स्थायी समाधान की दिशा में काम करेगा।”

तीनों जनजातियां अपने-अपने स्वायत्त परिषदों को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की लंबे समय से मांग कर रही हैं। गृह मंत्री के साथ इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और राज्य के कैबिनेट मंत्री राणोज पेगू भी शामिल थे।

मुख्यमंत्री सरमा ने भी ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने राभा, मिसिंग और तिवा समुदायों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। ये समुदाय लंबे समय से अपनी स्वायत्त परिषदों के लिए संवैधानिक दर्जे की मांग कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “गृह मंत्री द्वारा वार्ताकार नियुक्त करने और संस्थागत संवाद शुरू करने का दिया गया आश्वासन अत्यंत आश्वस्त करने वाला और हृदयस्पर्शी है। यह भारत सरकार की समावेशी शासन, संवाद और असम की स्वदेशी जनजातियों की संवैधानिक आकांक्षाओं की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

इस बीच, एक अन्य घटनाक्रम में मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 दिसंबर को असम दौरे के दौरान पूर्वोत्तर के सबसे बड़े सभागार ‘ज्योति बिष्णु प्रेक्षागृह’ का उद्घाटन करेंगे। इस अत्याधुनिक ऑडिटोरियम में 5,000 लोगों के बैठने की क्षमता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभागार रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है और इसे असम की सांस्कृतिक विरासत की दो महान विभूतियों—ज्योतिप्रसाद अग्रवाल और बिष्णु प्रसाद राभा—के सम्मान में नामित किया गया है।

उन्होंने इसे राज्य की समृद्ध कला और सांस्कृतिक परंपरा को समर्पित एक महत्वपूर्ण परियोजना बताया और कहा कि यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में सांस्कृतिक गतिविधियों को नई मजबूती देगा।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम असम की राभा, मिसिंग और तिवा जनजातियों की मांगों को समझें। गृह मंत्री अमित शाह का वार्ताकार नियुक्त करने का आश्वासन एक सकारात्मक कदम है जो समावेशी शासन और संवाद में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

कौन सी जनजातियों के लिए वार्ताकार नियुक्त किया जाएगा?
राभा, मिसिंग और तिवा जनजातियों के लिए वार्ताकार नियुक्त किया जाएगा।
यह वार्ताकार क्या करेगा?
वार्ताकार इन जनजातियों की मांगों और चिंताओं का समाधान करने के लिए काम करेगा।
मुख्यमंत्री का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस पहल को सकारात्मक बताया है।
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