क्या योगी सरकार के नेतृत्व में पीएम मोदी ने लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया?
सारांश
Key Takeaways
- अटल बिहारी वाजपेयी की 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा
- राष्ट्र प्रेरणा स्थल का महत्व
- प्रदेशवासियों को गर्व का अनुभव
- अटल जी की विरासत का संरक्षण
लखनऊ, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की। उन्होंने राष्ट्र प्रेरणा स्थल के उद्घाटन समारोह में कहा कि यहाँ की ३० एकड़ से अधिक भूमि पर कई दशकों से कूड़े का विशाल ढेर था, जिसे पिछले तीन वर्षों में पूरी तरह समाप्त किया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना के लिए योगी, श्रमिकों, कारीगरों, और योजनाकारों को बधाई दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी यूपी की राजधानी लखनऊ में इस प्रेरणा स्थल की स्थापना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को दूसरी बार ‘अटल’ सम्मान प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेशवासियों को ‘विरासत पर गर्व’ का अनुभव कराया। यह अनुभूति प्रदेशवासियों को पहली नहीं, बल्कि योगी शासन के दौरान छः वर्षों में दूसरी बार मिली, जब प्रधानमंत्री ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया।
अटल का लखनऊ के प्रति प्रेम किसी से छिपा नहीं रहा। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने हमेशा लखनऊ को प्राथमिकता दी। योगी सरकार ने अटल की स्मृतियों को संजोए रखा। पहले २५ दिसंबर २०१९ को, सीएम योगी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकभवन में अटल बिहारी वाजपेयी की २५ फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था। ठीक छह वर्ष बाद, २५ दिसंबर २०२५ को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाजपेयी के जन्म शताब्दी महोत्सव पर ६५ फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उद्बोधन में भी राष्ट्र, राम और महापुरुषों का सम्मान किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत माता की जय के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सियावर रामचंद्र भगवान की जयकार के साथ प्रदेशवासियों के भाव से खुद को जोड़ा। तीनों नेताओं ने पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान पर प्रकाश डाला। साथ ही, महामना मदन मोहन मालवीय और महाराजा बिजली पासी की जयंती पर उन्हें याद कर वर्तमान पीढ़ी को गौरवशाली इतिहास से परिचित कराया।