क्या अतिबला शरीर को 'अति बल' देने वाली प्राकृतिक औषधि है? जानें इसके फायदे
सारांश
Key Takeaways
- अतिबला शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करती है।
- यह वात और पित्त
- अतिबला का उपयोग यौन स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी किया जाता है।
- यह नर्व टॉनिक के रूप में कार्य करती है।
- अतिबला में सूजन-रोधी गुण भी होते हैं।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को मजबूती प्रदान करती हैं। उनमें से एक है अतिबला, जिसे संस्कृत में अति बल देने वाली औषधि कहा जाता है। यह जड़ी-बूटी शरीर को अतिरिक्त ताकत, सहनशक्ति, और ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे आज भी बहुत से लोग घरेलू औषधि के रूप में पहचानते और उपयोग करते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, अतिबला की तासीर ठंडी होती है और यह वात और पित्त दोषों को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जो लोग बार-बार शारीरिक दर्द, कमजोरी, थकान या जलन की समस्या से ग्रस्त हैं, उनके लिए अतिबला को बहुत उपयोगी माना जाता है।
अतिबला का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शरीर की ताकत और ओज को बढ़ाती है। लगातार कमजोरी, जल्दी थक जाना, या बीमारी के बाद शरीर का ढीला-ढाला रहना, इन सभी स्थितियों में इसे आयुर्वेदिक टॉनिक की तरह इस्तेमाल किया जाता है। यह धीरे-धीरे शरीर को मजबूत बनाती है।
अतिबला को आयुर्वेद में वाजीकरण औषधि भी माना गया है, जिसका अर्थ है कि यह पुरुषों के यौन स्वास्थ्य में सुधार करती है। यह शुक्रधातु को पोषण देती है, जिससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, सामान्य कमजोरी के दूर होने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
आजकल तनाव, नींद न आने और चिड़चिड़ापन सामान्य समस्याएं हैं। अतिबला एक अच्छा नर्व टॉनिक माना जाता है। यह नसों को मजबूत करती है और मन को शांत रखने में मदद करती है। वात से जुड़ी समस्याओं जैसे नसों की कमजोरी, झनझनाहट या पुराने दर्द में पारंपरिक रूप से इसका उपयोग किया जाता रहा है।
जो लोग जोड़ों के दर्द, गठिया या सूजन की समस्या से परेशान हैं, उनके लिए अतिबला काफी फायदेमंद हो सकती है। इसमें सूजन-रोधी और दर्द-निवारक गुण होते हैं। इसका काढ़ा पीने से या पत्तों का लेप लगाने से आराम मिल सकता है।
अतिबला का एक और महत्वपूर्ण लाभ इसका मूत्रवर्धक गुण है। यह पेशाब के प्रवाह को सुधारती है, जिससे पेशाब में जलन, रुक-रुक कर पेशाब आना या मूत्र संक्रमण जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है। अतिबला के बीज कब्ज, कठोर मल या बवासीर की समस्याओं में भी आराम देते हैं।
हालांकि अतिबला एक प्राकृतिक औषधि है, फिर भी गर्भवती महिलाएं या जो लोग पहले से किसी गंभीर बीमारी की दवा ले रहे हों, उन्हें इसका सेवन वैद्य या डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।