क्या विनोद कुमार शुक्ल का निधन साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है?
सारांश
Key Takeaways
- विनोद कुमार शुक्ल का निधन साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
- राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
- उनकी लेखन शैली सरल और प्रभावशाली थी।
- उन्होंने समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज़ को दिया है।
- उनकी रचनाएं हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिंदी साहित्य के मशहूर विद्वान और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस महान लेखक को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि अपनी सहज और प्रभावशाली रचनाओं से गद्य और पद्य को अत्यधिक समृद्ध करने वाले विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन ने साहित्य जगत को गहरा सदमा पहुँचाया है। उनके लेखन में समुदायों और व्यक्तियों की संवेदनाओं और चिंताओं का विशेष महत्व था, जो उन्हें अद्वितीय बनाता है। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मैं अपनी हार्दिक शोक संवेदनाएँ व्यक्त करती हूँ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महान लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन से मुझे अत्यंत दुख हुआ है। उनका हिंदी साहित्य में योगदान सदैव याद रखा जाएगा। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्ल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार, भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन साहित्य जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी सादगीपूर्ण लेखन शैली और सरल व्यक्तित्व के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, प्रशंसकों, और पाठकों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति शांति शांति
ज्ञातव्य है कि विनोद कुमार शुक्ल का मंगलवार को रायपुर स्थित एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनकी उम्र 89 वर्ष थी। शुक्ल अपनी प्रयोगात्मक और सरल लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध थे। वह काफी समय से कई अंगों में संक्रमण से जूझ रहे थे, जिसके कारण उन्होंने शाम 4:48 बजे अंतिम सांस ली।
जानकारी के अनुसार, सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें 2 दिसंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था और उन्हें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर रखा गया था।