क्या जीएसटी कटौती के बावजूद आविन डेयरी ने प्रोडक्ट की कीमतें नहीं घटाईं?

सारांश
Key Takeaways
- आविन डेयरी ने जीएसटी सुधार के बावजूद कीमतें नहीं घटाईं।
- कर्नाटक ने दूध की कीमतें कम की हैं जबकि तमिलनाडु में ऐसा नहीं हुआ।
- लोगों ने बच्चों के लिए दूध की कीमतें कम करने की मांग की है।
- केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कमी की है।
- सार्वजनिक असंतोष बढ़ रहा है और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
मदुरै, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु की सरकारी डेयरी कंपनी आविन ने जीएसटी में सुधार के बावजूद अपनी कीमतें कम नहीं की हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। स्थानीय निवासी इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
मदुरै के एक निवासी ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि आविन ने त्योहारों पर केवल कुछ उत्पादों जैसे घी, पनीर, और मक्खन पर ही छूट दी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने २२ तारीख को जीएसटी में सुधार की घोषणा की, जिससे दूध और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी आई। कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों ने जीएसटी में कटौती के बाद नंदिनी और आरोग्य जैसे ब्रांड के दूध की कीमतें पहले ही कम कर दी हैं। यहाँ तक कि तमिलनाडु में निजी डेयरी कंपनियों ने भी मक्खन, घी और अन्य डेयरी उत्पादों की कीमतों में कमी की है।
उन्होंने यह सवाल उठाया कि तमिलनाडु सरकार ने आविन के दूध की कीमतें क्यों नहीं घटाईं? उन्होंने चिंता जताई कि दी गई छूटें केवल अस्थायी त्योहारी ऑफर हैं, जिससे ऐसा लगता है कि सरकार इस स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह अत्यंत निंदनीय है कि तमिलनाडु सरकार ने बच्चों के लिए दूध की कीमतें कम नहीं की हैं।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित कटौती को लागू करने में तमिलनाडु सरकार को क्या समस्या है? लोगों की मांग है कि बच्चों के दूध उत्पादों पर जीएसटी में कटौती तुरंत लागू की जाए। उन्होंने अंत में कहा कि यदि कीमतें कम नहीं की गईं, तो वे जीएसटी परिषद में शिकायत दर्ज कराएंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में सुधार के बाद दूध, पहले से पैक और लेबल वाला छेना या पनीर पर जीएसटी को शून्य कर दिया गया है, जबकि घी और मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों पर जीएसटी को १२ प्रतिशत से घटाकर ५ प्रतिशत किया गया है।