क्या अयोध्या में 25 नवंबर को राममंदिर में ध्वजारोहण के लिए तैयारियां चल रही हैं?
सारांश
Key Takeaways
- ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को होगा।
- प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति से समारोह की रौनक बढ़ेगी।
- सुरक्षा इंतजाम कड़े किए गए हैं।
- उत्सव विशेष रूप से भव्य होगा।
- स्थानीय व्यवसायों में तेजी आई है।
अयोध्या, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या में एक बार फिर भव्य समारोह की तैयारियां चरम पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को राम जन्मभूमि मंदिर में एक खास ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। शहरभर में तैयारियों का माहौल है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के पोस्टर हर जगह लगाए गए हैं, जिससे लोगों में उत्साह और बढ़ गया है। राम मंदिर के द्वार पर लिखा है, “जाति पाति पूछे नहीं कोई, हरि का भजे सो हरि का होई,” जो इस आयोजन की भक्ति भावना को और मजबूत करता है। सड़कों पर सफाई का काम जारी है, नए स्टॉप साइन लगाए जा रहे हैं और सफाई टीमें बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं।
शहर हर तरफ त्योहार की रोशनी, सजावट और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से जगमगा रहा है। यह समारोह अयोध्या के लिए एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने राम मंदिर का निर्माण होने के बाद से बड़े बदलाव देखे हैं। स्थानीय लोग, दुकानदार और आगंतुक सभी प्रधानमंत्री मोदी के आगमन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
कार्यक्रम से पहले सुरक्षा का स्तर बढ़ा दिया गया है। इलाके के सभी सीसीटीवी कैमरे सक्रिय कर दिए गए हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा यूनिटें तैनात की गई हैं। स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) लगातार निगरानी रख रही है, और अधिकारी नियमित रूप से पेट्रोलिंग कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, सीमा के पास झुग्गी-झोपड़ियों और अस्थायी बस्तियों में पहचान की सख्त जांच की जा रही है।
मंदिर प्रशासन ने घोषणा की है कि इस वर्ष का उत्सव विशेष रूप से भव्य होगा। भगवान महादेव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा और शेषावतार के मंदिरों को मुख्य मंदिर के साथ सजाया जाएगा।
काशी के प्रसिद्ध विद्वान गणेश्वर शास्त्री के मार्गदर्शन में अयोध्या, काशी और दक्षिण भारत के 108 आचार्यों द्वारा रस्में निभाई जाएंगी। समारोह के दौरान सूर्य के प्रतीक वाला भगवा झंडा फहराया जाएगा, जो अनंत ऊर्जा, दिव्यता, गुण और ज्ञान का प्रतीक है, जो भगवान राम से जुड़े हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की अध्यक्षता की थी और एक बार फिर संतों, गणमान्य लोगों और ट्रस्ट के सदस्यों की उपस्थिति में रस्मों का नेतृत्व करेंगे। ट्रस्ट को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में लगभग 6,000 मेहमानों की उपस्थिति की उम्मीद है।
इस बीच, अयोध्या के दुकानदारों, ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों, खाने की जगहों और होमस्टे ने बढ़ती मांग की रिपोर्ट दी है और इसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद का सबसे व्यस्त समय बताया है।