क्या अयोध्या में संतों ने कहा कि सीएम योगी ने विक्रमादित्य की परंपरा को पुनर्जीवित किया?

सारांश
Key Takeaways
- दीपोत्सव 2025 ने अयोध्या को एक नई पहचान दी है।
- सीएम योगी ने धार्मिकता को पुनर्जीवित किया है।
- संतों का एकजुट होना एक सकारात्मक संकेत है।
- अयोध्या में दीपों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है।
- इस परिवर्तन ने हिंदू समाज को गर्वित किया है।
अयोध्या, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपोत्सव 2025 की भव्यता के बीच रामकथा पार्क ने रविवार को एक अद्वितीय आध्यात्मिक क्षण का अनुभव किया। संतों ने एकजुट होकर कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने वह कार्य किया है जो सदियों से असंभव माना जाता था। प्रभु श्रीराम के प्रतीकात्मक राज्याभिषेक में शामिल संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्मानित किया और आभार व्यक्त किया। मंच से जो भक्ति और राष्ट्रीय गर्व का उद्गार निकला, उसने पूरे पंडाल में गूंज उठाया।
पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती महाराज ने कहा कि अयोध्या में ऐसा दीपोत्सव कभी किसी ने सोचा नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने असंभव को संभव बना दिया। उनके पूर्व कई मुख्यमंत्री रहे, लेकिन किसी ने भी अयोध्या में ऐसे भक्ति-महोत्सव का सपना नहीं देखा। लोग सैफई महोत्सव मनाने में लगे रहे, लेकिन सीएम योगी ने अयोध्या में दीपोत्सव का शुभारंभ किया। हर वर्ष दीपों की संख्या बढ़ती जा रही है। योगी ने विश्वभर के हिंदुओं को गर्वित किया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और अशोक सिंघल का संकल्प योगी ने पूरा किया है। जगतगुरु रामानुजाचार्य डॉ. राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि पिछली सरकारों ने अयोध्या को अंधकार में धकेल दिया था। लोग अयोध्या नाम लेने से कतराते थे, लेकिन आज वही अयोध्या प्रकाश की राजधानी बन गई है। योगी सादगी और सिद्धांत का अद्वितीय उदाहरण हैं। पहले के मुख्यमंत्री अयोध्या का दौरा नहीं करना चाहते थे, लेकिन योगी हर महीने यहां आकर संतों का हालचाल लेते हैं।
उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य ने कभी अयोध्या को सजाया था, और योगी ने उसी परंपरा को पुनर्जीवित किया है।
जगतगुरु श्रीराम दिनेशाचार्य महाराज ने कहा कि हम पहले केवल राम पैड़ी पर कल्पना करते थे कि मां सरयू दीप जलाकर श्रीराम का इंतजार कर रही हैं, लेकिन योगी के नेतृत्व में वह कल्पना अब साकार हो चुकी है। अब हमें ऐसा लगता है कि हम शरीर से कलियुग में हैं, लेकिन मन और आत्मा से त्रेता युग का अनुभव कर रहे हैं।
जगतगुरु रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य जी महाराज ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि कलियुग में त्रेता का स्मरण हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के नए युग की शुरुआत की और योगी ने इसे भक्ति के चरम तक पहुंचाया। पहले अयोध्या नीरस थी, अब हर गली-गली में राम नाम की गूंज सुनाई दे रही है। जो लोग कभी अयोध्या नहीं आना चाहते थे, वे आज तिलक और जनेऊ के साथ अपनी पहचान पर गर्व कर रहे हैं।
जगतगुरु वासुदेवाचार्य जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम सूर्यवंश में अवतरित हुए और राम मंदिर का निर्माण सूर्य के प्रतीक आदित्यनाथ के काल में हुआ, यह सूर्य कृपा का जीवंत उदाहरण है। योगी आदित्यनाथ मां सरयू के लिए भगीरथ की भूमिका निभा रहे हैं।