क्या अयोध्या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर अमित शाह और सीएम योगी ने शुभकामनाएं दीं?

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क्या अयोध्या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर अमित शाह और सीएम योगी ने शुभकामनाएं दीं?

सारांश

अयोध्या के भव्य राम मंदिर की दूसरी वर्षगांठ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मंदिर के महत्व और संघर्ष की चर्चा की गई। आइए जानते हैं इस पवित्र दिन की खास बातें।

Key Takeaways

  • अयोध्या राम मंदिर की दूसरी वर्षगांठ का महत्व
  • केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं
  • संघर्ष और बलिदान की प्रेरणा
  • सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक
  • भारत की धार्मिक एकता का संदेश

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या के भव्य राम मंदिर की दूसरी वर्षगांठ आज मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "शुभ तिथि पर दो वर्ष पूर्व 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हुई और मोदी जी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की। प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।"

उन्होंने आगे लिखा, "प्रभु श्रीराम के आदर्शों और जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना का प्रतीक यह मंदिर धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष, सांस्कृतिक स्वाभिमान के लिए त्याग और विरासतों के संरक्षण के लिए बलिदान की प्रेरणा बना रहेगा। इस पवित्र अवसर पर श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के सभी बलिदानियों को नमन करता हूं।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "भारत की चेतना के उत्कर्ष की साक्षी बन रही अयोध्या नगरी में आज प्रभु श्री रामलला के नूतन विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ का पावन दिन है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला का विराजमान होना प्रतीक है कि सदियों के संघर्ष को समाप्ति मिली और वेदना को विराम मिला।"

सीएम योगी ने कहा कि हमारी तीन पीढ़ियों की साधना और संघर्ष, पूज्य साधु-संत गण के आशीर्वाद और 140 करोड़ देशवासियों के विश्वास की परिणति है कि आज हम इस पावन पल के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज प्रत्येक रामभक्त के हृदय में संतोष है।

इस मौके पर भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि यह सांस्कृतिक पुनरुत्थान का स्वर्णिम काल है। उन्होंने लिखा, "आज श्री रामलला की दिव्य और भव्य प्राण प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दृढ़ संकल्प और नेतृत्व में, 5 अगस्त 2020 के ऐतिहासिक भूमि पूजन से लेकर 22 जनवरी 2024 के उस अविस्मरणीय दिन तक का यह सफर, आधुनिक भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान का जीवंत प्रतीक बन गया है।"

संजय सेठ ने अपील की कि इस पावन अवसर पर हम सभी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों को जीवन में उतारने और विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लें।

Point of View

देश के नेताओं ने अयोध्या के राम मंदिर को केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक बताया है। यह विचारशीलता दर्शाता है कि भारत की संस्कृति और धार्मिकता कितनी गहरी है। इस अवसर पर एकता और विश्वास का संदेश सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

अयोध्या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कब हुई थी?
राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 5 अगस्त 2020 को हुई थी।
इस वर्ष अयोध्या राम मंदिर की दूसरी वर्षगांठ पर कौन-कौन से नेता शामिल हुए?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाएं दी।
राम मंदिर का क्या महत्व है?
राम मंदिर भारतीय संस्कृति का प्रतीक है और यह धार्मिक एकता और सांस्कृतिक गर्व का स्रोत है।
दूसरी वर्षगांठ पर क्या संदेश दिया गया?
सभी नेताओं ने रामलला के आदर्शों को जीवन में उतारने का संदेश दिया।
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