क्या आयुर्वेद केवल इलाज है या प्रकृति संरक्षण का भी आधार है?: प्रतापराव जाधव

Click to start listening
क्या आयुर्वेद केवल इलाज है या प्रकृति संरक्षण का भी आधार है?: प्रतापराव जाधव

सारांश

आयुर्वेद दिवस हर साल 23 सितंबर को मनाया जाता है। आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने इस बार की थीम 'आयुर्वेद फॉर पीपल एंड प्लैनेट' पर जोर दिया है। यह दिन केवल मानव स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • आयुर्वेद का महत्व स्वास्थ्य और प्रकृति दोनों के लिए है।
  • आयुर्वेदिक ऑर्गैनिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  • यह चिकित्सा पद्धति समय पर अपनाई जानी चाहिए।
  • आयुर्वेद दिवस हर साल 23 सितंबर को मनाया जाता है।
  • इस वर्ष की थीम ‘आयुर्वेद फॉर पीपल एंड प्लैनेट’ है।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को बताया कि पहले यह दिवस धनतेरस के अवसर पर मनाया जाता था, लेकिन अब इसे वैश्विक पहचान को ध्यान में रखते हुए अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार स्थिर कर दिया गया है। इस वर्ष ऐतिहासिक 10वां आयुर्वेद दिवस मनाने की तैयारी है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मेहमान भी शामिल होंगे।

जाधव ने कहा कि इस साल की थीमआयुर्वेद फॉर पीपल एंड प्लैनेट’ है, जिसका उद्देश्य यह है कि आयुर्वेद न केवल मनुष्यों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विश्व की वनस्पतियों और प्रकृति के संरक्षण के लिए भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक ऑर्गैनिक खेती को भी इस थीम में शामिल किया गया है और इसके लिए किसानों और कृषि मंत्रालय के साथ संवाद जारी है। कई औषधीय पौधों की खेती बड़े पैमाने पर की जा सकती है, जिससे आयुर्वेदिक उपचार और दवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि आज भी अधिकतर लोग बीमार होने पर आधुनिक अस्पतालों का रुख करते हैं, लेकिन जब उन्हें राहत नहीं मिलती, तब वे आयुर्वेद का सहारा लेते हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि लोग अंतिम चरण में आयुर्वेद को अपनाते हैं, जबकि यह चिकित्सा पद्धति यदि समय पर अपनाई जाए तो बेहतर परिणाम देती है। जाधव ने यह भी दावा किया कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार भी आयुर्वेद से संभव है।

प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुष मंत्रालय 2016 से हर साल आयुर्वेद दिवस मना रहा है। आने वाले वर्षों में इसे और बड़े स्तर पर मनाने की योजना है, ताकि विश्वभर में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़े और इसकी वैज्ञानिक मान्यता मजबूत हो।

इसी बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए जाधव ने कहा कि विपक्ष का प्रयास यही है कि “नकली वोट और घुसपैठिये वोटर” को हटाया न जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब लोकसभा में महाराष्ट्र से कांग्रेस को एकतरफा वोट मिला था, तब राहुल गांधी ने कोई आपत्ति नहीं की थी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आयुर्वेद का महत्व केवल स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। यह हमें प्रकृति के प्रति जागरूकता और संरक्षण का पाठ भी पढ़ाता है। हमें इसे सही समय पर अपनाना चाहिए, ताकि हम बेहतर स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए प्रयासरत रह सकें।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

आयुर्वेद दिवस कब मनाया जाता है?
आयुर्वेद दिवस हर साल 23 सितंबर को मनाया जाता है।
इस वर्ष की थीम क्या है?
इस वर्ष की थीम है ‘आयुर्वेद फॉर पीपल एंड प्लैनेट’।
क्या आयुर्वेद गंभीर बीमारियों का इलाज कर सकता है?
जी हाँ, प्रतापराव जाधव के अनुसार, आयुर्वेद कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार करने में सक्षम है।
आयुर्वेदिक खेती का क्या महत्व है?
आयुर्वेदिक खेती से औषधीय पौधों की बड़े पैमाने पर खेती की जा सकती है, जिससे उपचार की उपलब्धता बढ़ती है।
आयुष मंत्रालय आयुर्वेद दिवस कब से मनाता आ रहा है?
आयुष मंत्रालय 2016 से हर साल आयुर्वेद दिवस मना रहा है।
Nation Press