क्या ये आयुर्वेदिक उपाय बार-बार होने वाले कफ से छुटकारा दिला सकते हैं?
सारांश
Key Takeaways
- अदरक और तुलसी का काढ़ा कफ को पतला करने में मददगार है।
- हल्दी वाला दूध इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
- त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
- लौंग और शहद का मिश्रण गले की खराश में राहत देता है।
- दिनभर गर्म पानी पीना कफ को कम करने का सरल उपाय है।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही मौसम में बदलाव आता है, सर्दी-खांसी और कफ की समस्या बढ़ जाती है। इस स्थिति में, घरेलू आयुर्वेदिक उपाय न केवल सुरक्षित होते हैं, बल्कि दीर्घकालिक राहत भी प्रदान करते हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय कफ और खांसी से राहत पाने के लिए कुछ सुझाव देता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, बार-बार कफ की समस्या से निपटने के लिए आयुर्वेदिक उपचार अत्यंत प्रभावी होते हैं। नियमित रूप से अपनाए गए ये उपाय कफ को जड़ से खत्म करने में सहायता करते हैं।
मंत्रालय की सलाह के अनुसार, अदरक और तुलसी का काढ़ा सबसे प्रभावशाली उपायों में से एक है। जब ताजा अदरक और तुलसी की पत्तियों को पानी में उबाला जाता है, तो यह काढ़ा कफ को पतला करने और गले की खराश में त्वरित राहत प्रदान करने में मदद करता है। इसे सुबह और शाम पीने से बलगम आसानी से बाहर निकलता है। सोने से पहले हल्दी वाला गर्म दूध पीना भी कफ कम करने का एक पुराना और विश्वसनीय तरीका है, जिसमें मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो फेफड़ों को साफ रखते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
कफ नियंत्रण के लिए त्रिफला चूर्ण भी लाभदायक है। रोज रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और कफ का निर्माण कम होता है। यह शरीर की अंदरूनी सफाई भी करता है। कफ और बलगम से त्वरित राहत के लिए लौंग और शहद का कॉम्बिनेशन बेहतरीन साबित होता है। दिन में 2-3 बार 2-3 लौंग की कलियां शहद के साथ चबाने से गला साफ होता है और खांसी में आराम मिलता है। लौंग में मौजूद यूजेनॉल सूजन और संक्रमण को कम करता है।
सबसे सरल उपाय यह है कि दिनभर गर्म पानी पीते रहें। थोड़ी-थोड़ी देर में गुनगुना पानी पीने से कफ पतला होता है और शरीर से आसानी से बाहर निकल जाता है। यह उपाय बिना किसी खर्च के अपनाया जा सकता है।