क्या आजम खान के दुश्मन उनकी जान ले सकते हैं?
सारांश
Key Takeaways
- आजम खान अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
- उनका मानना है कि दुश्मनी का कोई कारण नहीं है।
- राजनीति में सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है।
- नफरत मिटाने के लिए मोहब्बत की आवश्यकता है।
रामपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की बेबाकी जेल से बाहर आने के बाद भी बरकरार है। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा, "मेरा दुश्मन मेरी जान ले सकता है, इससे ज्यादा क्या लेगा?"
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मन भी समझदारी से दूर हैं। हमसे दुश्मनी का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि मैंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। अगर मैंने ऐसा किया होता तो मुझे रामपुर में इतनी मोहब्बत नहीं मिलती।
सुरक्षा के मामले में उन्होंने कहा कि मुझे जेड सिक्योरिटी मिली थी, लेकिन उस समय के एसपी ने लिखा था कि मेरे लिए यह भी कम है। अब तो जेड देना तो दूर की बात है, कोई सुरक्षा नहीं है। मेरे जैसे व्यक्ति के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा पर्याप्त नहीं है।
आजम खान ने चिंता जताई कि कई लोग बिना वजह मेरा विरोध करते हैं। वे कोई भी बहाना बनाकर मुझ पर ओपन फायर कर सकते हैं। मुझे सुरक्षा की ज़रूरत है ताकि मैं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकूं। कहा, "मेरा दुश्मन मेरी जान ले सकता है, इससे ज्यादा क्या लेगा?"
उन्होंने कोविड के दौरान का जिक्र करते हुए कहा कि वह पांच महीने कोरोना में रहे, तब भी नहीं मरे। कई मौकों पर उन्हें निशाना बनाया गया, लेकिन वे बच गए।
आजम खान ने कहा कि नफरत बहुत बढ़ चुकी है और इसे मिटाने के लिए मोहब्बत और इंसानियत की आवश्यकता है। हमें एक-दूसरे से नफरत नहीं करनी चाहिए।