क्या बाबर के नाम पर मस्जिद बनाकर भारत में नए विवाद को जन्म दिया जा रहा है?: शिया धर्मगुरु

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क्या बाबर के नाम पर मस्जिद बनाकर भारत में नए विवाद को जन्म दिया जा रहा है?: शिया धर्मगुरु

सारांश

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने एक विवादास्पद मस्जिद निर्माण की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि बाबर के नाम पर मस्जिद बनाना भारत के लिए नए विवादों का कारण बन सकता है। यह मुद्दा न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता को भी प्रभावित कर सकता है।

Key Takeaways

  • मौलाना यासूब अब्बास ने विवादास्पद मस्जिद निर्माण की आलोचना की।
  • बाबर के नाम पर मस्जिद बनाना विवाद का कारण बन सकता है।
  • धार्मिक स्थलों का नामकरण धार्मिक नेताओं के नाम पर होना चाहिए।
  • देश में सभी धार्मिक समुदायों को एक साथ मिलकर रहना चाहिए।
  • हुमायूं कबीर के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई गई।

लखनऊ, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखे जाने की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बाबर के नाम पर मस्जिद बनाकर भारत में नए विवाद को जन्म दिया जा रहा है।

'बाबरी मस्जिद' विवाद पर मौलाना यासूब अब्बास ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यह दुख की बात है कि बाबरी मस्जिद के नाम पर देश में नया बवाल खड़ा किया जा रहा है। चाहे पश्चिम बंगाल हो, उत्तर प्रदेश हो, बिहार हो, पंजाब हो या कश्मीर, किसी भी राज्य में बाबर के नाम पर मस्जिद बर्दाश्त नहीं है।"

मौलाना यासूब अब्बास ने आगे कहा, "मस्जिदों का नाम अल्लाह, पैगंबर या इमामों पर होना चाहिए। बाबर, अकबर या औरंगजेब के नाम पर मस्जिद का नाम रखना गलत है। देश को दोबारा फसाद की आग में झोंकना सही नहीं है।" उन्होंने मांग उठाई कि हुमायूं कबीर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस से निकाले गए विधायक हुमायूं कबीर ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 'बाबरी' के नाम से मस्जिद की नींव रखी है। यह उस समय हुआ है, जब शनिवार को ही अयोध्या में गिराए गए विवादित ढांचे को 33 साल पूरे हुए हैं। मुस्लिम समुदाय उस विवादित ढांचे को 'बाबरी मस्जिद' बताता रहा है।

हुमायूं कबीर ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि वह 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' का शिलान्यास करेंगे। घोषणा के अनुसार, उन्होंने शनिवार को मुर्शिदाबाद में मस्जिद की नींव रखी।

वहीं, मौलाना यासूब अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'भगवद् गीता' भेंट किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, "इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को 'भगवद् गीता' गिफ्ट की, क्योंकि वे भारत आए थे, जहां ज्यादातर हिंदू हैं। जब पुतिन किसी इस्लामिक देश में जाते हैं, तो उन्हें कुरान गिफ्ट की जा सकती है। इसलिए यह हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि धार्मिक स्थल के नामकरण पर विवाद केवल धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करता है। देश में सभी धर्मों के अनुयायियों को एकसाथ मिलकर शांति से रहना चाहिए। ऐसे मुद्दे पर सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने का क्या विवाद है?
मौलाना यासूब अब्बास ने आरोप लगाया है कि इससे देश में नए विवाद पैदा हो सकते हैं और यह सामाजिक एकता को प्रभावित कर सकता है।
हुमायूं कबीर का इस विवाद में क्या रोल है?
हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के नाम से नींव रखी है, जिसके खिलाफ मौलाना यासूब अब्बास ने आवाज उठाई है।
क्या मस्जिदों का नामकरण धार्मिक नेताओं के नाम पर होना चाहिए?
मौलाना यासूब अब्बास के अनुसार, मस्जिदों का नाम अल्लाह, पैगंबर या इमामों पर होना चाहिए, न कि ऐतिहासिक शासकों के नाम पर।
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