क्या तितली से बालासन तक, नन्हे-मुन्नों से कराएं ये योगासन?
सारांश
Key Takeaways
- बच्चों के लिए योगासन बेहद लाभकारी होते हैं।
- रोजाना कुछ मिनट का योग बच्चों को स्वस्थ और चुस्त रखता है।
- तितली, बालासन और वृक्षासन आसन बच्चों को शांति और एकाग्रता में मदद करते हैं।
- योग का अभ्यास बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- योगासन का कुल समय ३५ मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के डिजिटल युग में, बच्चों पर पढ़ाई का बोझ और स्क्रीन का तनाव बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति में, शरीर और आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन, कई योगासन हैं, जिनकी मदद से बच्चों को स्वस्थ और चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय बच्चों के लिए योग को न केवल स्वास्थ्य का आधार मानता है, बल्कि इसे खेल-खेल में करने की सलाह भी देता है। रोजाना कुछ मिनट के सरल योगासन बच्चों के शरीर को स्वस्थ, मन को शांत और दिमाग को तेज बनाते हैं। इसके लिए तीन खास आसन सुझाए गए हैं, जिन्हें बच्चे आसानी से कर सकते हैं।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा ने बच्चों के लिए तीन लाभकारी आसनों का सुझाव दिया है। पहला आसन है बालासन यानी चाइल्ड पोज, इसके लिए बच्चे घुटनों के बल बैठें, आगे की ओर झुकें और माथा जमीन पर टिकाएं। इस आसन से पढ़ाई की थकान मिनटों में दूर हो जाती है, दिमाग शांत होता है और पीठ-कंधों की जकड़न खुल जाती है। रात में नींद भी गहरी आती है।
दूसरा आसन है तितली आसन। इसके लिए बच्चे जमीन पर बैठें, दोनों पैरों के तलवे आपस में जोड़ें और घुटनों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे हिलाएं। इससे पैरों और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, कूल्हों का दर्द दूर होता है और मन में पॉजिटिविटी आती है।
तीसरा आसन है वृक्षासन। इसमें एक पैर पर खड़े होकर दूसरा पैर घुटने पर टिकाएं और दोनों हाथ सिर के ऊपर जोड़कर पेड़ बन जाएं। इससे संतुलन बढ़ता है, एकाग्रता तेज होती है और कॉन्फिडेंस भी आता है।
मंत्रालय स्पष्ट करता है कि योगासन के अभ्यास से बच्चों को कई फायदे मिल सकते हैं। लेकिन उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए, उन्हें ध्यानपूर्वक योग समय में शामिल करना चाहिए और योग करने का कुल समय ३५ मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए।