क्या बड़ी-बड़ी बातें करने से प्रशांत किशोर नीतीश कुमार का विकल्प बन सकते हैं?: राजीव रंजन

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क्या बड़ी-बड़ी बातें करने से प्रशांत किशोर नीतीश कुमार का विकल्प बन सकते हैं?: राजीव रंजन

सारांश

प्रशांत किशोर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि केवल बातें करने से नीतीश कुमार का विकल्प नहीं बनेगा। बिहार में नीतीश कुमार की तुलना में किसी और का स्थान नहीं है। जानिए राजनीति में उनकी सोच और भविष्य के बारे में क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • नीतीश कुमार का बिहार में कोई विकल्प नहीं है।
  • राजनीति में केवल बातें करने से कार्य नहीं बनता।
  • प्रशांत किशोर के दावों की पुष्टि नहीं हुई है।
  • जदयू की जीत का मुख्य कारण जनता के साथ संवाद है।
  • नीतीश कुमार ने बिहार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

पटना, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन ने जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि अगर जदयू विधानसभा चुनाव 2025 में 25 सीट से ज्यादा ले आई तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। राजीव रंजन ने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करने से कोई नीतीश कुमार का विकल्प नहीं बन सकता है।

राजीव रंजन ने आगे कहा कि हम उनके बारे में बस इतना ही कहना चाहेंगे कि एक रणनीतिकार के रूप में उनकी भूमिका ठीक थी। लेकिन, एक राजनेता के तौर पर सिर्फ बड़े-बड़े दावे करने से कोई नीतीश कुमार का विकल्प नहीं बन सकता। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि राजनीति में ज़्यादा अधीर नहीं होना चाहिए, काम करना चाहिए।

तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि सोने के चम्मच के साथ पैदा होने वाले राजनीति में बहुत जल्द सबकुछ पाना चाहते हैं, जो संभव नहीं है।

एमवाई फॉर्मूले को लेकर उन्होंने कहा कि इसका अनिवार्य रूप से मतलब यह है कि यह एक ऐसा समीकरण है जो जाति और धर्म की सीमाओं को पार करता है, यह सबसे प्रभावशाली समूह है। जब महिलाएं और युवा किसी राजनीतिक दल या गठबंधन के साथ जुड़ते हैं, तो आप समझ सकते हैं कि कुल वोटों की संख्या में उनका प्रभाव कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए, यह जनादेश एकतरफा है। जो लोग अभी भी जाति या धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, उन्हें बिहार की जनता के जनादेश से सबक लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर विपक्ष के बयानों पर जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस उम्र में भी नीतीश कुमार एक सच्चे साधक की तरह दिन-रात सेवा में लगे हुए हैं। विधानसभा चुनाव में 84 चुनावी सभा की। उन्होंने एक दूरदर्शी नेता की तरह दृढ़ता से शासन का निर्माण किया है और निर्णय लिए हैं। बिहार के लिए उन्होंने जो भी कल्पना की थी, उसे उन्होंने हकीकत में बदल दिया; उनके वादे खोखले नहीं थे, बल्कि निर्णायक कार्यों के माध्यम से ज़मीन पर साकार हुए। नीतीश कुमार का बिहार की राजनीति में कोई विकल्प नहीं है।

नीतीश कुमार के शासन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का महत्व इसलिए है क्योंकि उन्होंने अपने फैसलों से बिहार को एक असफल राज्य से नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, उन्होंने वो हासिल किया जिसका जनता को लंबे समय से इंतजार था। उस समय, बिहार पूरी तरह से कुप्रबंधन का सामना कर रहा था, न रोजगार था, न नौकरियां, न उद्योग, न बुनियादी ढांचा; पूरा प्रशासन अंधेरे में डूबा हुआ था, और कानून-व्यवस्था की स्थिति दयनीय थी। एक चुनौती थी उनके कंधों पर जिसे उन्होंने पूरा किया। दो दशकों में जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने का काम किया। उन्हें बराबर जनता ने अपना नेता माना है। हम लोगों ने लगातार जनता से सीधा संवाद बनाए रखा। इसीलिए यह जीत मिली है।

Point of View

बल्कि कार्यों से ही पहचान बनती है। राजीव रंजन का यह बयान यह दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का स्थान स्थायी है, और यह विचार कि प्रशांत किशोर उनके विकल्प बन सकते हैं, एक भ्रम है।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

प्रशांत किशोर ने क्या कहा था?
प्रशांत किशोर ने कहा था कि अगर जदयू 2025 में 25 सीट से ज्यादा लाता है, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
राजीव रंजन का क्या कहना है?
राजीव रंजन ने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करने से कोई नीतीश कुमार का विकल्प नहीं बन सकता है।
नीतीश कुमार की राजनीति में भूमिका क्या है?
नीतीश कुमार ने बिहार को एक असफल राज्य से नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
एमवाई फॉर्मूला क्या है?
यह एक ऐसा समीकरण है जो जाति और धर्म की सीमाओं को पार करता है।
तेजस्वी यादव पर राजीव रंजन की टिप्पणी क्या थी?
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव राजनीति में बहुत जल्दी सब कुछ पाना चाहते हैं, जो संभव नहीं है।
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