क्या बागेश्वर में रोजगार सृजन के लिए नई पहल की जा रही है?

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क्या बागेश्वर में रोजगार सृजन के लिए नई पहल की जा रही है?

सारांश

क्या बागेश्वर में रोजगार सृजन की दिशा में ठोस उपाय किए जा रहे हैं? मुख्यमंत्री धामी की पहल के साथ उद्यमियों के सुझाव स्थानीय विकास में नई जान फूंक सकते हैं। जानिए इस महत्वपूर्ण विषय की गहराई।

Key Takeaways

  • बागेश्वर में रोजगार सृजन की संभावना बढ़ी है।
  • स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग जरूरी है।
  • भांग के स्थानीय उपयोग पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • मुख्यमंत्री की पहल से स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • पलायन पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

बागेश्वर, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दो दिवसीय बागेश्वर दौरे के दौरान जिले में रोजगार और छोटे उद्योगों को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। बागेश्वर के उद्यमी दलीप खेतवाल ने मुख्यमंत्री से बातचीत में स्थानीय संसाधनों का बेहतर सदुपयोग करने और रोजगार सृजन की दिशा में ठोस सुझाव दिए।

दलीप खेतवाल ने मीडिया से कहा कि बागेश्वर में खड़िया खनन के साथ-साथ खड़िया उत्पादन यूनिट की अत्यधिक आवश्यकता है। उनका सुझाव है कि खड़िया खनन का लाइसेंस केवल उन्हीं को दिया जाए जो बागेश्वर में प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करें। इससे खनन के साथ मूल्य संवर्धन होगा और स्थानीय युवाओं को स्थायी रोजगार प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि यदि बागेश्वर में खड़िया उत्पादन यूनिट स्थापित होती है, तो कुमाऊं क्षेत्र के दो से तीन जिलों के लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खनन नीति गांव और क्षेत्र आधारित भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए। उन्होंने भांग को एनडीपीएस एक्ट में शामिल किए जाने पर चिंता व्यक्त की।

खेतवाल ने कहा कि इससे बागेश्वर और कपकोट क्षेत्र के कई युवाओं का भविष्य प्रभावित हुआ है, जबकि हिमालयी गांवों में उगने वाली भांग से स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बन सकती हैं। इस विषय पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।

दलीप खेतवाल ने पूर्ववर्ती सरकारों के कुछ सकारात्मक फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि भांग के स्थानीय उपयोग और प्रसंस्करण को लेकर उचित नीति बनाई जाए, तो ग्रामीणों को राहत एवं रोजगार दोनों मिल सकते हैं।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बागेश्वर में खड़िया खनन की प्रोडक्शन यूनिट खोलने और भांग को एनडीपीएस एक्ट से अलग रखने जैसे विषयों पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। स्थानीय उद्यमियों की यह पहल जिले में रोजगार आधारित विकास को नई दिशा दे सकती है। कुल मिलाकर, बागेश्वर में स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योगों की स्थापना से न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि पलायन पर भी लगाम लगने की उम्मीद है।

Point of View

बल्कि स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग और स्थायी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार को इन सुझावों पर अमल करना चाहिए ताकि बागेश्वर और आसपास के क्षेत्रों में विकास की नई गहराई संभव हो सके।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

बागेश्वर में रोजगार सृजन के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्यमियों के साथ बातचीत कर स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए सुझाव मांगे हैं।
खड़िया खनन से क्या लाभ होगा?
खड़िया खनन से स्थानीय युवाओं को स्थायी रोजगार मिलेगा और इससे मूल्य संवर्धन भी होगा।
भांग को एनडीपीएस एक्ट में शामिल करने पर क्या चिंता है?
उद्यमी दलीप खेतवाल ने कहा कि इससे हिमालयी गांवों में रोजगार की संभावनाएं प्रभावित हो रही हैं।
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