क्या मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दौरा किया?

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क्या मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दौरा किया?

सारांश

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा का दौरा किया, जहां उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के जवानों की सराहना की। इस दौरे में उनके द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि और जवानों के साहस को मान्यता दी गई।

Key Takeaways

  • मुख्य न्यायाधीश ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • बॉर्डर पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों की प्रशंसा की।
  • जवानों की कर्तव्यनिष्ठा और साहस को सराहा।
  • तनोट माता के दर्शन कर प्रार्थना की।
  • दो दिवसीय दौरे में महानिरीक्षक ने स्वागत किया।

जैसलमेर, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने अपने दो दिवसीय जैसलमेर प्रवास के दौरान शनिवार को भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दौरा किया। इस अवसर पर सीमांत मुख्यालय जोधपुर के महानिरीक्षक एमएल गर्ग द्वारा मुख्य न्यायाधीश का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

दौरे की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश ने मंदिर परिसर में स्थित विजय स्तम्भ पर पुष्पचक्र अर्पित कर राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरांत सीमा सुरक्षा बल की विशेष गार्ड टुकड़ी द्वारा मुख्य न्यायाधीश को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इसके बाद उन्होंने तनोट माता के दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना की तथा देश की सुख-समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।

इसके पश्चात मुख्य न्यायाधीश ने भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित सीमा चौकी का दौरा किया। उन्होंने वहां तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों और महिला प्रहरियों से संवाद कर उनकी कार्य-परिस्थितियों की जानकारी ली तथा विषम भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों में कर्तव्य पालन कर रहे जवानों का उत्साहवर्धन किया।

जवानों और महिला प्रहरियों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में विख्यात सीमा सुरक्षा बल के जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और समर्पण पर सम्पूर्ण देश को गर्व है। उन्होंने उल्लेख किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों एवं संभावित शत्रु खतरों के बावजूद अदम्य साहस, सतर्कता एवं मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्विघ्न निर्वहन किया, जो सराहनीय एवं प्रेरणादायक है।

अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में मुख्य न्यायाधीश ने सीमा सुरक्षा बल के जवानों की निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता एवं बलिदान भावना की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने जवानों के मनोबल को राष्ट्र की सुरक्षा का आधार बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इस अवसर पर जतिंदर सिंह बिन्जी (उप महानिरीक्षक), क्षेत्रीय मुख्यालय, जैसलमेर-उत्तर, नीरज शर्मा, समादेष्टा एवं अन्य अधिकारियों सहित सीमा सुरक्षा बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

Point of View

बल्कि यह देश के प्रति न्यायपालिका की जिम्मेदारी और सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह घटना हमें यह दर्शाती है कि हमारे सुरक्षा बल किस प्रकार से कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत का यह दौरा कब हुआ?
यह दौरा 13 दिसंबर को जैसलमेर में हुआ।
मुख्य न्यायाधीश ने किन स्थानों का दौरा किया?
उन्हें विजय स्तम्भ और तनोट माता के मंदिर का दौरा किया।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस दौरे का उद्देश्य सीमा सुरक्षा बल के जवानों के कार्यों की सराहना करना था।
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