क्या अयोध्या में बनेगा एक और मंदिर? 27 से 31 दिसंबर तक होंगे भव्य कार्यक्रम, ट्रस्ट की बैठक में लिया गया फैसला
सारांश
Key Takeaways
- अयोध्या में नया मंदिर बनने जा रहा है।
- 27 से 31 दिसंबर तक भव्य कार्यक्रम होंगे।
- प्रतिष्ठा द्वादशी के कार्यक्रम अंगद टीला पर होंगे।
- कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी।
- मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों को सम्मानित किया जाएगा।
अयोध्या, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को आयोजित की गई। इस बैठक में आगामी कार्यक्रमों और अन्य आवश्यक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। महंत नृत्य गोपाल दास ने इस बैठक की अध्यक्षता की।
महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में प्रतिष्ठा द्वादशी के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों पर भी विचार किया गया।
ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि जिस स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला अपने भाइयों के साथ विराजमान थे, वहां एक नया मंदिर स्थापित किया जाएगा। इस मंदिर के निकट ही श्री राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की स्मृति में एक स्मारक भी बनाया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस अवसर पर मंदिर परिसर के सात उप-मंदिरों के शिखरों पर ध्वज फहराने का कार्यक्रम भी रखा गया है। इस वर्षगांठ को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में यह भी तय हुआ कि प्रतिष्ठा द्वादशी के सभी कार्यक्रम अंगद टीला पर आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में श्री राम कथा का आयोजन किया जाएगा। 27 से 31 दिसंबर तक श्री राम जन्मभूमि मंदिर में मंडल पूजा होगी। इसके साथ ही श्री रामचरितमानस का संगीतमय अखंड पाठ भी होगा।
प्रसिद्ध गायक अनूप जलोटा, सुरेश वाडकर और तृप्ति शाक्य भजन संध्या प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा, कथक नृत्य नाटक समेत अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान कई कवि भी भाग लेंगे, जिसके लिए एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
ट्रस्ट ने यह भी निर्णय लिया है कि मंदिर निर्माण में लगे लगभग 400 श्रमिकों को हिंदू नव वर्ष के अवसर पर 19 मार्च को आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
25 नवंबर को श्री राम मंदिर पर ध्वजारोहण का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे और इसी दौरान ध्वजारोहण किया गया था। इस कार्यक्रम में कई साधु-संतों को आमंत्रित किया गया था, साथ ही पूर्वांचल के लोगों की बड़ी संख्या भी शामिल थी।