क्या बहुविवाह के खिलाफ कानून लाने का कोई विशेष उद्देश्य है? : सुमैया राणा
सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा में अपग्रेडेशन की आवश्यकता
- राजनीतिक मुद्दों पर विचार
- समाज में बहुविवाह का प्रभाव
लखनऊ, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमैया राणा ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कांग्रेस नेता कुमार केतकर के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि यह संभव है कि 2014 में सीआईए और मोसाद ने कांग्रेस की हार में भूमिका निभाई हो।
सुमैया राणा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि हर क्षेत्र में अपग्रेडेशन जरूरी है, और सुरक्षा विभाग में भी इसका होना अनिवार्य है। हाल के हमलों के संदर्भ में, सरकार का कहना है कि हमलावर विदेशी थे। ऐसे में आवश्यक है कि सुरक्षा में अपग्रेडेशन के जरिए हमलावरों की पहचान पहले से हो जाए।
असम विधानसभा में बहुविवाह विरोधी विधेयक पारित होने पर उन्होंने कहा कि असम सरकार के मुख्यमंत्री नए-नए नियम लाते हैं, जो खासकर किसी विशेष धर्म के खिलाफ होते हैं। इस्लाम चार शादियों की अनुमति देता है, और मुझे जानना है कि इस तरह का कानून लाने का वास्तविक उद्देश्य क्या है?
उन्होंने कहा, "जिन बीएलओ की मृत्यु हुई है, यह अत्यंत दुःखद है। उनके परिवारों के प्रति हमारी पूरी सहानुभूति है। अखिलेश यादव हमेशा से पीड़ितों के साथ खड़े रहते हैं।"
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश 'आधार कार्ड अब जन्मतिथि प्रमाण पत्र के रूप में मान्य नहीं होगा' पर उन्होंने कहा, "पहले वोटर आईडी थी, फिर आधार आया। अब नया पहचान पत्र क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी।"
लोवी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 'मेजर पावर' की श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे हमें गर्व होता है, लेकिन जब हम अपने हालात देखते हैं, तो दुःख होता है।
कुमार केतकर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "यह संभव है कि जब कसाब का मामला हुआ था, तब दो महीने पहले चेतावनी दी गई थी। ऐसे मामलों में सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।"