क्या बाजपट्टी विधानसभा में राजद ने जदयू का विजय रथ रोका था? इस बार समीकरण कैसे बदल सकते हैं?

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क्या बाजपट्टी विधानसभा में राजद ने जदयू का विजय रथ रोका था? इस बार समीकरण कैसे बदल सकते हैं?

सारांश

बाजपट्टी विधानसभा में जदयू और राजद के बीच मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। जानें कैसे बदल सकते हैं समीकरण इस बार चुनाव में।

Key Takeaways

  • बाजपट्टी विधानसभा में जदयू और राजद के बीच मुकाबला दिलचस्प है।
  • सामाजिक-जातीय समीकरण चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
  • बाढ़ और बेरोजगारी जैसे मुद्दे मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
  • स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) बिहार के सीतामढ़ी जिले की बाजपट्टी विधानसभा सीट अपने जटिल सामाजिक-जातीय समीकरणों और राजनीतिक उतार-चढ़ाव के लिए प्रसिद्ध है। परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर पहला चुनाव 2010 में संपन्न हुआ था। 2010 और 2015 के विधानसभा चुनावों में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।

दिलचस्प बात यह है कि 2010 में जदयू ने एनडीए का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ा, जबकि 2015 में यह एनडीए से अलग होकर चुनाव में उतरा। इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने एक बार फिर एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। हालांकि, इसे तीसरी बार जीतने की उम्मीद थी, लेकिन कुछ वोटों के अंतर से यह सीट उसके हाथ से निकल गई। राजद उम्मीदवार मुकेश यादव ने जदयू की रंजू गीता को महज 2704 वोट से हरा दिया।

अब आगामी विधानसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार हो रहा है। राजद अपनी पिछली जीत को बनाए रखना चाहेगी, जबकि जदयू इस सीट पर अपनी वापसी की कोशिश में है।

बाजपट्टी विधानसभा सीट बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक है, जो अपने सामाजिक-जातीय समीकरणों और स्थानीय मुद्दों के कारण हमेशा चर्चा में रहती है। बाढ़, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे मुद्दे यहां के मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, जबकि यादव, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं का गठजोड़ इस क्षेत्र की राजनीति को दिशा देता है।

यह विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है, जहां के लोगों की जीवनशैली मुख्य रूप से कृषि और उससे जुड़े व्यवसायों पर निर्भर करती है। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर छोटे व्यापार, मजदूरी, और पशुपालन भी आजीविका के प्रमुख स्रोत हैं।

हालांकि, इस क्षेत्र की जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो उनकी आर्थिक और सामाजिक प्रगति में बाधा डालती हैं। बाजपट्टी के बाजारों में छोटी दुकानें, किराना स्टोर और अन्य स्थानीय व्यापार भी कई लोगों की आजीविका का आधार हैं। इसके अलावा, हस्तशिल्प और पारंपरिक उद्योग (जैसे कि मिट्टी के बर्तन बनाना) सीमित स्तर पर देखने को मिलते हैं।

यहां के लोगों को हर साल मानसून के दौरान बाढ़ से फसलों, घरों, और आजीविका को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। तटबंधों की खराब स्थिति और बाढ़ प्रबंधन की कमी इस समस्या को और गंभीर बनाती है। बाढ़ के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार परिवारों को विस्थापन का भी सामना करना पड़ता है।

इस विधानसभा में कुल जनसंख्या 563531 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 295455 और महिलाओं की संख्या 268076 है। चुनाव आयोग द्वारा जारी 1 जनवरी 2024 के आंकड़ों के अनुसार, इस विधानसभा में कुल मतदाता 337812 हैं। इनमें से पुरुष मतदाता 178701, महिला वोटर 159105, जबकि थर्ड जेंडर के 6 मतदाता हैं।

पिछले चुनाव में मुस्लिम-यादव समीकरण ने राजद के पक्ष में काम किया। जदयू की डॉ. रंजू गीता ने इस सीट पर 2010 और 2015 में जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 के चुनाव में लोजपा (रामविलास) के अलग चुनाव लड़ने का खामियाजा जदयू को भोगना पड़ा।

इस विधानसभा सीट पर इस बार फिर से एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। एनडीए में शामिल जदयू के लिए एक अच्छी बात यह है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, जबकि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल एकजुट हैं। इसके अलावा प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी सभी 243 सीटों पर चुनाव लडने की तैयारी कर रही है, जिससे बाजपट्टी में त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी संभावना है।

Point of View

NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

बाजपट्टी विधानसभा का पहला चुनाव कब हुआ था?
बाजपट्टी विधानसभा का पहला चुनाव 2010 में हुआ था।
इस विधानसभा में कुल मतदाता कितने हैं?
इस विधानसभा में कुल मतदाता 337812 हैं।
बाजपट्टी विधानसभा के प्रमुख मुद्दे कौन से हैं?
बाजपट्टी विधानसभा में बाढ़, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बेरोजगारी जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।
इस क्षेत्र में कौन-कौन से जातीय समूह महत्वपूर्ण हैं?
यादव, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाता इस क्षेत्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
क्या बाजपट्टी विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है?
जी हां, इस बार बाजपट्टी विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी संभावना है।