क्या ओडिशा के बालासोर में आत्मदाह पीड़िता के भाई ने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से छात्रों की सुरक्षा खतरे में है।
- मामले में निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
- छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल प्राथमिकता होनी चाहिए।
- सामाजिक दबाव के कारण छात्र आत्मदाह जैसे कदम उठाते हैं।
- जवाबदेही और न्याय की मांग हर छात्र का अधिकार है।
बालासोर, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के बालासोर के एफएम कॉलेज में आत्मदाह का प्रयास करने वाली छात्रा के भाई ने अपनी बहन की सुरक्षा में कॉलेज प्रशासन की लापरवाही और विफलता का आरोप लगाते हुए अपनी चुप्पी तोड़ी है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "जो घटना हुई वह बेहद दर्दनाक है। पहले से ही हमें संकेत मिल रहे थे और उसने हमसे बातें साझा करने की कोशिश की थी। लेकिन कॉलेज में कुछ लोगों के साथ उसकी बातचीत के बाद मामला बिगड़ गया। यह अचानक नहीं हुआ, इसके पीछे स्पष्ट कारण थे।"
कॉलेज प्रशासन, खासकर प्रिंसिपल की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "कॉलेज ने इस मामले को जिस तरह से संभाला, वह पूरी तरह से गैर-ज़िम्मेदाराना था। लगातार विवाद होते रहे हैं। मेरी बहन के साथ हुए व्यवहार के कारण वह मानसिक रूप से परेशान थी। हमारा मानना है कि प्रिंसिपल समेत सभी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"
मुख्यमंत्री या अन्य अधिकारियों से संपर्क के बारे में उन्होंने कहा, "हमें न्याय चाहिए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को हस्तक्षेप करना चाहिए। इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी पाया जाए, उसे सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह कितना भी पंहुच वाला व्यक्ति क्यों न हो।"
उन्होंने आगे यह भी बताया कि पहले भी शिकायतें और परेशान करने वाली घटनाएं हुई थी। लेकिन, कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। हमें पता था कि वह बहुत तनाव में थी। उसने कॉलेज के कुछ लोगों से असहजता व्यक्त की थी। लेकिन किसी ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की। अब बहुत देर हो चुकी है।"
सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने अंत में कहा, "यह सिर्फ हमारे परिवार की बात नहीं है। किसी और छात्र को मेरी बहन जैसी स्थिति से न गुजरना पड़े। हम जवाबदेही और न्याय की मांग करते हैं।"
आपको बता दें, ओडिशा के बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज की एक छात्रा ने शुक्रवार को कॉलेज के गेट पर आत्मदाह का प्रयास किया था। सौम्यश्री बिसी नामक छात्रा ने कथित तौर पर विभागाध्यक्ष द्वारा उत्पीड़न सहन नहीं कर पाने के कारण अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। जो इंटीग्रेटेड बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्रा है।