क्या बम की धमकी के बाद इंफाल एयरपोर्ट को खाली कराया गया?
सारांश
Key Takeaways
- मॉक एक्सरसाइज से सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन किया गया।
- सभी संबंधित एजेंसियों का समन्वय महत्वपूर्ण था।
- अभ्यास ने बम की संभावित धमकी की स्थिति को हूबहू बनाया।
- सुरक्षा कर्मियों ने सही प्रक्रिया का पालन किया।
- भविष्य में ऐसे अभ्यास जारी रहेंगे।
इंफाल, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बम की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इसकी जांच के लिए आज इंफाल एयरपोर्ट पर वार्षिक मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने इस मॉक ड्रिल में एयरपोर्ट से संबंधित सभी प्रमुख विभागों और एजेंसियों को शामिल किया।
सीआईएसएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बताया कि यह मॉक ड्रिल एक व्यापक सुरक्षा अभियान का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य वास्तविक आपात स्थितियों में प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना था। अभ्यास के दौरान बम की संभावित धमकी जैसी स्थिति को वास्तविकता के करीब लाया गया, जिसमें सुरक्षा बलों की तत्परता, निर्णय क्षमता और समन्वय की गहन समीक्षा की गई।
इस अभ्यास में सीआईएसएफ के अलावा डॉग स्क्वॉड, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस), बैगेज ऑपरेशन इंस्पेक्शन (बीओआई), स्थानीय पुलिस, एयरलाइंस स्टाफ, और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के कर्मचारी शामिल हुए।
सभी एजेंसियों के बीच त्वरित सूचना साझा करना, तत्काल कार्रवाई करना और समन्वित प्रयासों ने इसे अत्यंत प्रभावी और सफल बनाया।
अभ्यास के दौरान सुरक्षा कर्मियों ने संदिग्ध वस्तु की पहचान करने, क्षेत्र को खाली कराने, बम स्क्वॉड टीम के निरीक्षण करने और वहां मौजूद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया का अभ्यास किया।
हर चरण को इस तरह से तैयार किया गया था कि वास्तविक परिस्थिति में उच्चतम स्तर की तैयारियों को परखा जा सके।
सीआईएसएफ ने बताया कि इस हाई-इंटेंसिटी ड्रिल ने न केवल सुरक्षा प्रोटोकॉल की मजबूती को प्रमाणित किया, बल्कि विभिन्न एजेंसियों के बीच उत्कृष्ट तालमेल को भी प्रदर्शित किया। आपसी समन्वय और तत्काल प्रतिक्रिया के इस अभ्यास से यह सुनिश्चित होता है कि इंफाल एयरपोर्ट किसी भी उच्च जोखिम वाली स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
ऐसे अभ्यास भविष्य में भी निरंतर जारी रहेंगे, जिससे सभी एजेंसियां असली खतरे की स्थिति में एकजुट होकर प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकें और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।