क्या चूना बीमारियों का रामबाण इलाज है? बिना ये जानें ना करें इस्तेमाल!
सारांश
Key Takeaways
- चूना एक सस्ता और प्रभावी घरेलू उपचार है।
- बच्चों को चूने का उपयोग सावधानी से करें।
- चूना विभिन्न बीमारियों में राहत देने में सहायक है।
- अधिक मात्रा में चूने का उपयोग हानिकारक हो सकता है।
- सही सलाह के बिना चूना का उपयोग न करें।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चूना एक प्राचीन और प्रभावशाली घरेलू उपचार है, जो सदियों से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। पहले के समय में, दादी-नानी इसे कई बीमारियों के लिए इस्तेमाल करती थीं। आज भी, ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसे विभिन्न छोटे-मोटे रोगों के उपचार के लिए अपनाते हैं। आइए, चूने के कुछ पारंपरिक घरेलू उपयोगों के बारे में जानते हैं।
यदि बच्चों को उल्टी, दस्त या खट्टी डकारें आ रही हों, तो रातभर भीगे चूने के पानी को छानकर थोड़ा पानी मिलाकर पिलाने से राहत मिलती है। इसके अलावा, सूजन या चोट में चूना और हल्दी मिलाकर लगाने से सूजन कम होती है और दर्द में भी आराम मिलता है।
आग से जलने पर घाव होने पर, चूने के पानी और नारियल तेल को मिलाकर फेंट लें। यह मिश्रण घाव को ठंडक देता है और जल्दी भरता है। इसी तरह, बवासीर, फोड़े-फुंसियां और दाद जैसी समस्याओं में भी चूने का लेप लाभकारी होता है।
यदि हड्डियों में कमजोरी हो, तो नियमित रूप से चूने का पानी पीने से कैल्शियम की कमी पूरी होती है। पेट दर्द या अम्लपित्त (एसिडिटी) में भी चूने का पानी राहत देता है।
कान से मवाद बहने या नाक से खून आने (नकसीर) पर भी चूने का पानी अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जाता है। कहा जाता है कि चूना और दूध मिलाकर कान में डालने या पीने से सुधार आता है।
गठिया और जोड़ों के दर्द में, चूना, हल्दी और गुड़ का लेप बहुत प्रभावशाली माना गया है। वहीं, गिल्टी या ट्यूमर पर चूना और शहद का लेप लगाने से सूजन में कमी आती है। मस्से और तिल हटाने के लिए भी एक घरेलू उपाय है। पान के डंठल पर चूना लगाकर मस्से की जड़ में लगाने से कुछ ही दिनों में मस्सा सूखकर गिर जाता है। सिरदर्द होने पर, चूना और नौसादर को सूंघना या घी में चूना मिलाकर सिर पर लेप लगाने से आराम मिलता है।
पुराने वैद्य कहते हैं कि चूना सस्ता और प्रभावी है, लेकिन इसका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए, क्योंकि अधिक या गलत मात्रा नुकसान भी कर सकती है। इसलिए, यदि आप किसी रोग में चूना या चूने का पानी उपयोग करना चाहते हैं, तो पहले किसी अनुभवी वैद्य या आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना न भूलें।