क्या वडोदरा का वेमार प्राथमिक विद्यालय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और व्यावहारिक शिक्षा में मिसाल बन रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का महत्व
- प्राथमिक शिक्षा में व्यावहारिक अनुभव
- रचनात्मकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
- सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का योगदान
- सरकारी पहल का सकारात्मक प्रभाव
अहमदाबाद, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के वडोदरा जिले का वेमार प्राथमिक विद्यालय युवा छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में गुणवत्तापूर्ण और व्यावहारिक शिक्षा के माध्यम से एक आदर्श संस्थान के रूप में उभर रहा है।
गुजरात सरकार की 'ज्ञान ही शक्ति है' पहल के अंतर्गत, विद्यालय ने पाठ्यपुस्तकों से परे जाकर बच्चों में रचनात्मकता, आत्मनिर्भरता और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया है।
नियमित शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ, छात्रों को विभिन्न सह-पाठ्यक्रम और कौशल-आधारित गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और उनकी प्रतिभाएं सामने आती हैं।
विद्यालय ने रोबोट निर्माण, हस्तशिल्प, संगमरमर कला, मार्शल आर्ट और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी गतिविधियों की शुरुआत की है, जिससे छात्रों में उत्साह बढ़ा है।
शिक्षक कक्षा में सीखने और व्यावहारिक अनुभवों के बीच संतुलन बनाने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करते हैं।
इस दृष्टिकोण ने प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई को और अधिक रोचक और सार्थक बना दिया है।
वेमार प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मानते हैं कि बौद्धिक विकास और जीवन कौशल दोनों को आकार देने के लिए प्रारंभिक वर्ष महत्वपूर्ण हैं।
राज्य सरकार के 'उत्कृष्ट विद्यालय' मिशन और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में विद्यालय नीति को प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है।
शैक्षणिक शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास को बढ़ावा देकर वेमार प्राथमिक विद्यालय ने गुजरात की सरकारी विद्यालय प्रणाली में समग्र और व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने में एक उल्लेखनीय मिसाल कायम की है।
राज्य में हजारों सरकारी और अनुदानप्राप्त विद्यालय हैं, जो उन्नत कक्षाओं, डिजिटल शिक्षण उपकरणों, विज्ञान प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों से भरे हुए हैं। ये विद्यालय मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और समग्र शिक्षा जैसी पहलों के अंतर्गत आते हैं।
उच्च शिक्षा के स्तर पर, गुजरात में विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों, आईटीआई और कौशल विकास केंद्रों का एक व्यापक नेटवर्क है, जिनमें राष्ट्रीय महत्व के संस्थान जैसे आईआईटी गांधीनगर, आईआईएम अहमदाबाद और एम्स राजकोट शामिल हैं।
-राष्ट्र प्रेस
एमएस/डीकेपी