क्या बिहार में शहाबुद्दीन जैसे बाहुबली फिर से पैदा हो सकते हैं? : अमित शाह
सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह का कहना है कि बिहार में अब शहाबुद्दीन जैसे बाहुबली नहीं पैदा होंगे।
- राहुल गांधी की यात्रा पर अमित शाह का सवाल उठाना।
- महिला रोजगार योजना के तहत जीविका दीदियों को 10 हजार रुपये का लाभ।
- एनडीए के विकास कार्यों पर जोर।
मोतिहारी, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मोतिहारी जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए कहा कि जंगलराज में अपहरण, खून, डकैती और फिरौती करने वाले बिहार का भला नहीं कर सकते हैं।
पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि केवल ये दोनों मिलकर बिहार में जंगलराज को रोक सकते हैं।
राहुल गांधी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में उनकी यात्रा किसानों और युवाओं के लिए नहीं थी, बल्कि घुसपैठियों को बचाने के लिए निकाली गई थी। मैं उन्हें बताना चाहता हूँ कि वे घुसपैठियों की रक्षा कर सकते हैं, लेकिन हमारी सरकार का संकल्प है कि हम एक-एक घुसपैठिए को बाहर निकालेंगे।
राजद पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि राजद के नेता बिहार में एक बार फिर शहाबुद्दीन का युग लाना चाहते हैं। लालू यादव के बेटे ने नारा लगाया, 'शहाबुद्दीन अमर रहे', लेकिन मैं स्पष्ट कर दूँ कि उनकी तीन पीढ़ियाँ भी आ जाएँ, तब भी बिहार में शहाबुद्दीन जैसे बाहुबली नहीं पैदा हो सकते।
अमित शाह ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी लालू यादव के कंधों पर सवार होकर बिहार की सत्ता में वापसी करना चाहती है। लेकिन मैं राहुल गांधी को यह बताना चाहता हूँ कि जिनके कंधों पर आप सवार हैं, वे हारेंगे, और आप भी हारेंगे।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि हाल ही में पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने 1 करोड़ 41 लाख जीविका दीदियों के बैंक खातों में 10 हजार रुपये डालने का कार्य किया है। विपक्ष यह भ्रम फैला रहा है कि हम ये पैसे वापस ले लेंगे। मैं आज मोतिहारी की जीविका दीदियों को यह आश्वस्त करता हूँ कि लालू यादव की चार पीढ़ियाँ भी आ जाएँ, लेकिन आप ये 10 हजार रुपये वापस नहीं ले सकते।
पीएम मोदी का जिक्र करते हुए उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह का शासन 10 वर्षों तक रहा, लेकिन उन्होंने बिहार में केवल 5 बार ही यात्रा की, जबकि पीएम मोदी ने 10 वर्षों में बिहार में 55 बार यात्रा की। मनमोहन-सोनिया सरकार ने बिहार के लिए केवल 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपये भेजे, जबकि पीएम मोदी ने 10 वर्षों में 18 लाख 70 हजार करोड़ रुपये भेजे हैं। बिहार में अगली सरकार एनडीए की बनेगी और विकास के पथ पर बिहार आगे बढ़ेगा।