क्या बंगाल में एसआईआर के दौरान बांग्लादेश भाग रहे अवैध घुसपैठिए? अमित मालवीय ने टीएमसी पर आरोप लगाया
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में अवैध प्रवासियों की स्थिति पर गंभीर चिंता।
- सत्ताधारी पार्टी पर भाजपा के आरोप।
- सोशल मीडिया पर स्थानीय निवासियों द्वारा साझा किए गए वीडियो।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यह आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बड़ी संख्या में अवैध रूप से रहने वाले लोग बांग्लादेश वापस लौट रहे हैं। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब व्यवस्था अपने कर्तव्यों का पालन करने लगती है, तो अवैध वोटों पर आधारित पारिस्थितिकी तंत्र ढहने लगता है।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "ममता बनर्जी द्वारा ध्यानपूर्वक बनाए गए वोट बैंक का अस्तित्व संकट में है। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की सख्त जांच के बीच अवैध घुसपैठिए (बांग्लादेशी नागरिक और रोहिंग्या) बांग्लादेश वापस भाग रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि यह मामला पश्चिम बंगाल के स्वरूपनगर से संबंधित है, जहाँ प्रसारित वीडियो वास्तविकता को प्रकट करता है। उन्होंने कहा, "एसआईआर की शुरुआत के बाद से सीमा पार आवाजाही में काफी वृद्धि देखी गई है और स्थानीय निवासी खुद वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।"
टीएमसी सरकार को घेरते हुए अमित मालवीय ने कहा कि सत्य अब सबके सामने आ गया है।
इस बीच, भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक पुराना वीडियो जारी किया है। इसमें ममता बनर्जी संसद के भीतर नागरिकता से जुड़े विषय पर जवाब दे रही थीं।
भाजपा ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "एक समय, ममता बनर्जी संसद में खड़ी होकर नागरिकता साबित करने के लिए एक ही पहचान पत्र के विचार का समर्थन करती थीं। उन्होंने देश को अवैध घुसपैठ के खतरे के बारे में चेतावनी दी थी। आज वही ममता बनर्जी नागरिकता से जुड़े हर प्रयास को 'जनविरोधी' कहती हैं, जबकि घुसपैठिए बंगाल को बर्बाद कर रहे हैं, उसकी जनसंख्या को बदल रहे हैं और उसकी सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।"
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि सत्ता और लालच के लिए, उन्होंने उन्हीं सिद्धांतों को त्याग दिया है, जिनकी उन्होंने कभी संसद में बात की थी।