क्या बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की हत्या ने भारत में आक्रोश पैदा कर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा एक संवैधानिक अधिकार है।
- अत्याचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हस्तक्षेप आवश्यक है।
- भारतीय नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
- हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में सम्राट मंडल की हत्या ने एक बार फिर से भारत में आक्रोश पैदा कर दिया है। हाल ही में दीपू दास की हत्या के बाद, यह घटना अत्यंत चिंताजनक है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य एनडीए के दलों ने इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की है।
बिहार की पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता रेणु देवी ने इस पर कहा, "अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करना किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। यदि सरकार इस जिम्मेदारी को निभाने में असफल रहती है, तो यह संविधान का उल्लंघन है। बांग्लादेश में इस प्रकार की घटनाएं अत्यंत निंदनीय हैं।"
शिवसेना की नेता शायना एनसी ने बांग्लादेश सरकार से मांग की कि वह इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार केवल दीपू चंद्र दास की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि हाल ही में राजबाड़ी जिले में ग्रामीणों द्वारा की गई जबरन वसूली और हत्या की घटनाएं भी सामने आई हैं। यह एक बार की घटना नहीं है।"
जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करना चाहिए और बांग्लादेश को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, "एक और हिंदू युवक की हत्या की गई है, और यह दिखाता है कि आने वाले चुनावों से पहले हिंदुओं को खास तौर पर टारगेट किया जा रहा है।"
भाजपा के विधायक राम कदम ने इन घटनाओं को मानवता पर एक कलंक बताया और कहा, "बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाइयों पर हो रहे अत्याचार और उनकी हत्या को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस मुश्किल समय में, देश और विश्व के हिंदू उनके साथ खड़े हैं।"
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी इस घटना की निंदा की, और कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। कॉक्स बाजार में इस्लामिस्टों द्वारा एक हिंदू मंदिर पर हमले की घटना भी सामने आई है।
उन्होंने लिखते हुए कहा, "दुनिया संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार परिषद के जवाब का इंतजार कर रही है। क्या यह कभी बांग्लादेश में हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जागेंगे?"