क्या बांग्लादेश भारत के बिना रह सकता है? पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव का बयान

Click to start listening
क्या बांग्लादेश भारत के बिना रह सकता है? पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव का बयान

सारांश

बांग्लादेश के हालात और भारत में बढ़ते असंतोष पर पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव का विश्लेषण। जानिए कैसे बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति भारत पर असर डाल रही है और आगामी चुनावों के संदर्भ में क्या चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति भारत पर असर डाल सकती है।
  • महेश कुमार सचदेव ने दीर्घकालिक सहयोग का जिक्र किया।
  • भारत को इस्लामिक चरमपंथियों से सावधान रहने की जरूरत है।
  • बांग्लादेश की हिंसा के पीछे राजनीतिक कारण हैं।
  • दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति के कारण भारत में भी लोगों में असंतोष देखने को मिल रहा है। चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद से बांग्लादेश में हिंसा में वृद्धि हो गई है। विशेष रूप से, बांग्लादेश में एक अल्पसंख्यक हिंदू युवक को जिस क्रूरता से हत्या की गई और उसके शव को आग के हवाले किया गया, उसकी व्यापक निंदा हो रही है।

इस बीच, पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव ने बांग्लादेश के हालात पर राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत की है।

महेश कुमार सचदेव ने कहा, "12 फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले कुछ समय के लिए तनाव हो सकता है। लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से, अच्छे पड़ोसी और ठोस आर्थिक तालमेल का तर्क दोनों देशों के बीच संबंध बनाए रखेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "बांग्लादेश और भारत के बीच का रिश्ता ऐतिहासिक है। वे दोनों दक्षिणी एशिया के हिस्से हैं और दोनों देशों के नागरिकों के बीच गहरी दोस्ती है। हालांकि, वर्तमान में कुछ चुनौतियाँ हैं। मैं इसे इस नजरिए से देखता हूँ, और मुझे विश्वास है कि ये चुनौतियाँ अस्थायी हैं, और ये राजनीतिक कारणों से उत्पन्न हुई हैं। मुझे आशा है कि ये जल्द ही समाप्त हो जाएंगी।"

महेश कुमार सचदेव ने तनाव के प्रभाव के बारे में कहा, "मुझे नहीं लगता कि दीर्घकालिक में कोई बड़ी समस्या होगी। लेकिन तात्कालिक रूप से यह तनाव स्पष्ट है। इसे नकारा नहीं जा सकता। शेख हसीना पहले भारत का समर्थन करती थीं और वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं। उनके निर्वासन के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, क्योंकि उनके विरोधी वर्तमान में सत्ता में हैं। बांग्लादेश में 12 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं। इसलिए, राजनीतिक कारणों से भारत के खिलाफ एक लहर चल रही है, जो निंदनीय है। ऐसे लोग गैर-जिम्मेदाराना तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।"

कुमार सचदेव ने यह भी कहा, "वे यह दिखाना चाहते हैं कि बांग्लादेश भारत का विपरीत है। यह एक सरल तरीका है, क्योंकि उनके पास उपलब्धियों के नाम पर बहुत कम चीजें हैं। असंतोष को पलटने के लिए वे भारत जैसे बड़े पड़ोसी पर आरोप लगाना चाहते हैं। यह एक अल्पकालिक दृष्टिकोण है। बांग्लादेश भारत के बिना नहीं रह सकता है, क्योंकि इसकी भारत पर निर्भरता बहुत अधिक है।"

बांग्लादेश से संबंधित खतरों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में इस्लामिक चरमपंथियों की स्थिति से भारत को अपने पड़ोसी देशों में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्याएं नई नहीं हैं। भारत ने पिछले 40 वर्षों में कई बार बाहरी आतंकवाद का सामना किया है। बांग्लादेश से पहले भी ऐसा हुआ है और यदि परिस्थितियाँ जटिल होती हैं, तो बांग्लादेश एक सुरक्षित स्थान बन सकता है, जो भारत को हजारों टुकड़ों में प्रतिघात करना चाहता है। भारत को इस पर सतर्क रहने की आवश्यकता है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश और भारत के बीच संबंध महत्वपूर्ण हैं। राजनीतिक अस्थिरता और असंतोष की स्थिति में, दोनों देशों को एक-दूसरे की आवश्यकता है। यह समय है कि दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में हालात क्यों बिगड़ रहे हैं?
बांग्लादेश में चुनाव के नजदीक हिंसा और राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, जिसके कारण हालात बिगड़ रहे हैं।
महेश कुमार सचदेव का क्या कहना है?
महेश कुमार सचदेव का कहना है कि बांग्लादेश भारत के बिना नहीं रह सकता और दोनों देशों के बीच रिश्ते ऐतिहासिक हैं।
Nation Press