क्या बांग्लादेश में दीपू चंद्र की हत्या के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया यूजर्स को चेतावनी दी?
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट की निगरानी शुरू की है।
- सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
- पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कोलकाता, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हरगोबिंदो और चंदन दास नामक पिता-पुत्र की हत्या से जोड़ने पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने चेतावनी जारी की है।
पश्चिम बंगाल पुलिस का कहना है कि बांग्लादेश में हाल ही में हुई दीपू चंद्र दास की हत्या और लगभग 8 महीने पहले मुर्शिदाबाद में हरगोबिंदो एवं चंदन दास की दुखद मौत के बीच तुलना करने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया पर इस प्रकार की पोस्ट करने वालों पर पुलिस की नज़र है।
पुलिस ने कहा है कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, आम जनता से अपील की गई है कि वे इस प्रकार की अफवाहों से दूर रहें।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि कुछ स्थानों से बांग्लादेश में हाल ही में हुई दीपू चंद्र दास की हत्या और मुर्शिदाबाद में हरगोबिंदो एवं चंदन दास की दुखद मौत के बीच तुलना करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसी तुलना बेहद भड़काऊ और भ्रामक है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना है।
पुलिस ने जानकारी दी कि मुर्शिदाबाद मामले में 13 आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया था और इस मामले में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है। इस केस का फैसला जल्द आने की संभावना है। बांग्लादेश की घटनाओं से इसकी तुलना करना केवल सांप्रदायिक अविश्वास फैलाने का एक घटिया प्रयास है, जबकि कानून अपना काम कर रहा है।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव की पुरानी परंपराओं को बनाए रखने के लिए वह प्रतिबद्ध है और इसे बिगाड़ने की किसी भी कोशिश पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। भड़काऊ और गलत जानकारी फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स पर नज़र रखी जा रही है। आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और बाद में उसके शव को आग के हवाले कर दिया था। वहीं, इसी साल 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में नाश्ते की दुकान चलाने वाले गोविंद दास (72) और उनके 40 वर्षीय बेटे की हिंसा में मौत हो गई थी। वक्फ कानून का विरोध करने वाले एक समूह के लोगों ने दोनों को दुकान से बाहर निकालकर बेरहमी से पीटा, जिससे उनकी मौत हो गई थी।