क्या बांग्लादेश पाकिस्तान के रास्ते पर चल रहा है? जीतन राम मांझी का बयान
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की बढ़ती घटनाएँ।
- जीतन राम मांझी का बांग्लादेश को पाकिस्तान के रास्ते पर चलना बताना।
- भारतीय सरकार को इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
- पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की बांग्लादेश को अलग करने की गलती।
- रेल किराए में वृद्धि पर सरकार का पक्ष।
गया, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बांग्लादेश पाकिस्तान के मार्ग पर अग्रसर है। वहाँ लगातार हिंदुओं की हत्याएँ हो रही हैं, जो एक गंभीर मुद्दा है। वर्तमान सरकार को इस पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
गया में मीडिया से बातचीत के दौरान, केंद्रीय मंत्री जीतेन राम मांझी ने बताया कि बांग्लादेश और अन्य पड़ोसी देशों में हिंदुओं को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। बंटवारे के समय भारत में अल्पसंख्यकों की संख्या 7 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 18 प्रतिशत हो गई है, क्योंकि हमने उन्हें आश्रय दिया और उनका संरक्षण किया। वहीं, पाकिस्तान में बंटवारे के समय हिंदुओं की संख्या 11 प्रतिशत थी, लेकिन आज केवल 1 प्रतिशत रह गई है। बांग्लादेश भी इसी दिशा में बढ़ता दिख रहा है। हिंदुओं की हत्या हो रही है। हमारी सरकार को इन अत्याचारों की ओर ध्यान देने और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न पर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनका बांग्लादेश को अलग करवाना एक गलती थी। उस समय भी हमें लगता था कि बांग्लादेश हमारे लिए एक समस्या बनेगा और अब उसके हालात इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। बांग्लादेश में मुसलमानों को जितना अधिकार है, उतना ही हिंदुओं को भी होना चाहिए, लेकिन उन्हें चुन-चुनकर मारा जा रहा है।
अन्य देशों का उल्लेख करते हुए मांझी ने कहा कि चीन के अलावा अन्य देशों में हिंदू हैं, लेकिन वहाँ स्थिति सामान्य है। बांग्लादेश में ऐसा क्यों हो रहा है? भारत के नागरिकों और नेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास को खाली करने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि यह एक सरकारी आदेश है और इसका पालन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकारी निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।
रेलवे किराए में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ रही है, यह स्वाभाविक है। सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं और नए रेल खंड बनाए जा रहे हैं। यदि इसके लिए आम जनता का सहयोग लिया जाता है तो यह गलत नहीं है। यह रेल मंत्रालय की ओर से जनता की भलाई के लिए किया जा रहा है। रेल मंत्री ईमानदार हैं और जनता के पैसे का सदुपयोग होगा।